सोमवार, 17 अप्रैल 2023

गेधर व मील अपनी राजनीतिक स्थिति की समीक्षा करें:सूरतगढ जिला बनाओ संदर्भ.

  1.  

* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ जिला बनाओ अभियान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भेंट करने बात करने के मामले में डूंगर गेदर और हनुमान मील दोनों ही पावर लेस है। कुछ भी नहीं है इनके पास ताकत जो मुख्यमंत्री से दस मिनट की बात करवा सकें।


 17 मार्च 2023 को मुख्य मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 19 नए जिलों की घोषणा की उसमें सूरतगढ़ का नाम न होने के कारण नागरिकों में रोष होना ही था। पुरानी मांग थी और उस मांग का कुछ भी असर इसलिए नहीं पड़ा कि जिनको सिरमोर मानते थे उनके पास राजनैतिक ईच्छा शक्ति की कमी रही।

 *डूंगरराम गेधर से जब मेरी बात हुई तो उन्होंने कहा कि 2 दिन बाद जोधपुर में एक हमारा शिल्प व माटी कला कार्यक्रम है,उसमें मुख्यमंत्री जी आएंगे और उनसे निश्चित रूप से बात की जाएगी।  22 मार्च को वह कार्यक्रम जोधपुर में था। कार्यक्रम बीत गया और 24 दिन भी बीत गए। डूंगर राम गेधर सूरतगढ़ के लिए जिला बनाने के लिए मुख्यमंत्री से जोधपुर में 2 मिनट बात नहीं कर पाए और आजतक नहीं कर पाए।


*सूरतगढ़ में अभी मील परिवार के दो दिग्गजों की ओर से कहा गया है कि मुख्यमंत्री जी से समय मांगा लेकिन समय नहीं मिला।


इसका दूसरा अर्थ जो डूंगरराम गेधर और मील परिवार के गंगाजल मील और हनुमान मील के लिए जो सामने आ रहा है वह जनता की समझ में यह आ रहा कि मुख्यमंत्री से मिलने और बात करने वालों की जो लाइन है प्रथम द्वितीय तृतीय उसमें क्या स्थिति है।

** गंगाजल मील और हनुमान मील का जयपुर में प्रभाव होता अशोक गहलोत के नजदीक होते तो भेंट हो जाती। डूंगर राम गेधर  को बयान दिए कहे हुए 24- 25 दिन बीत गए। यह अवधि कम नहीं होती।

 इधर गंगाजल मील और हनुमान मील का कहना है कि मुख्यमंत्री समय नहीं दे रहे हैं। गंगाजल मील ने प्रयास किया है पत्र लिखे हैं तो सामने आना चाहिए कि यह प्रयास किस तारीख को हुए पत्र किस तारीख को लिखे गए? 


मुख्यमंत्री से मिलने के लिए डूंगरराम गेदर और हनुमान मील ने समय मांगा है लेकिन जो व्यवहार प्रगट हो रहा है उससे महसूस होता है कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में बातचीत में दोनों कड़ियां टूटी हुई है। इनकी कोई सुनवाई नहीं होती मुख्यमंत्री के दरबार में यह अपनी आवाज उठा नहीं सकते इनको आवाज उठाने के लिए अपनी बात रखने के लिए सूरतगढ जनता के साथ लगना पड़ा।

 सूरतगढ़ के इलाके की जनता को  सभी की पावर समझ में आती जा रही है।


**सूरतगढ़ की जनता तो यह जान चुकी है कि चुनाव 2023 में डूंगर राम गेधर और हनुमान मील टिकट संभाल ले, इतने पक्के मजबूत हाथ नहीं है।कांग्रेस पार्टी में एक बार 2018 के चुनाव में हनुमान मील को टिकट देकर अपना प्रत्याशी घोषित किया लेकिन हनुमान मील भाजपा के प्रत्याशी रामप्रताप कासनिया को पटखानी नहीं देख पाए। 

👍 राजनीतिक स्थिति इस हालात में हो मुख्यमंत्री से बात नहीं कर सके तो गेधर एवं मील दोनों को संपूर्ण 5 साल की एक एक बिंदु की शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की कड़ी समीक्षा कर लेनी चाहिए क्योंकि यह उचित समय है। ०0०

17 अप्रैल 2023.

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