गुरुवार, 20 अप्रैल 2023

अब टैंट की जरूरत नहीं. टैंट से राजनीति खत्म हो. मोहल्लों में नुक्कड़ सभाएं हों

 












* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ 20 अप्रैल 2023.

सूरतगढ़ जिला बनाओ अभियान समिति की अट् 19 अप्रैल को  संचालन समिति की बैठक में आगे से केवल क्रमिक अनशन जारी रखने की और लेटर पैड इस्तेमाल करने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय किए गए।

* सूरतगढ़ जिला बनाओ अभियान समिति की मांगे और अब तक के हुए आमरण अनशन तथा कार्यक्रमों की सारी रिपोर्ट सरकार तक पहुंच चुकी है। 

*सूरतगढ़ जिला बनाओ समिति की मांग भी सरकार के पास पहुंची हुई है। 

👍 अब आगे से आमरण अनशन चलाना ही नहीं है तब अपना बहुत बड़ा श्रय शक्ति केवल टेंट पर लगाना दिन-रात उसकी व्यवस्था करना जैसी कोई आवश्यकता नहीं है। क्रमिक अनशन पर मौसम आदि की गड़बड़ी में गर्मी में व्यवस्था करना बहुत बड़ी बात है। यदि महिलाएं क्रमिक अनशन पर बैठती हैं तो और जिम्मेवारी बढ़ती है। सरकार तक जब सारी बातें पहुंच चुकी है तब क्रमिक अनशन के लिए टेंट की आवश्यकता ही नहीं है। टैंट उठ जाएगा तो वाद विवाद तू तू मैं मैं और इनसे होने वाले झगड़ों की आशंका खत्म होगी।कुछ हुआ तो अनावश्यक चर्चाओं में अभियान घिरेगा।


* महाराणा प्रताप चौक पर यह टेंट आमरण अनशन के लिए लगाया गया था।  इस सारे टेंट की व्यवस्था के लिए अब अनावश्यक खर्च और व्यवस्था की कोई आवश्यकता नहीं है।

👍 टेंट से ही राजनीति चलती है जो ज्यादा संख्या में वहां सारा दिन बैठेंगे वे राजनीति भी करेंगे और एक पार्टी विशेष के लोग ही अधिक नजर आते हैं जिनके पास समय है वे वहां बैठते हैं। 

सूरतगढ़ जिला बनाओ अभियान समिति ने बार बार कहा है कि सभी को साथ लेकर चलना है और राजनीति नहीं करनी है। तो एक कदम यह उठाना ही होगा कि टेंट की अनावश्यक व्यवस्था बंद हो। क्रमिक अनशन भी बंद हो।

**सरकार तक सारी बातें पहुंची हुई है और सारी डिटेल समिति के लेटर पैड पर एक बार और रजिस्टर्ड भेज दी जाए या समिति के लेटर पैड पर स्थानीय प्रशासन एसडीएम या एडीएम को प्रस्तुत कर दी जाए। 

* उसके बाद जब जब कैंडल मार्च जैसे प्रदर्शन जैसे कार्यक्रम हो तब अपैक्स कम्युनिटी हॉल में बैठक बुलाई जा सकती है।  टेंट के सारे खर्चे को बचाया जा सकता है। 

* सूरतगढ़ जिला बनाओ समिति ने एक निर्णय किया है कि प्रत्येक सदस्य ₹1000 समिति को जमा कराएं। समिति ने इसकी तारीख तय नहीं की है इसलिए जब तारीख नहीं होती है तब रकम एक-दो दिन में ही जमा करनी होती है। सदस्य एक-दो दिन का मतलब है कि 21- 22 अप्रैल तक यह रकम समिति के संबंधित व्यक्ति को तुरंत जमा करा दें। यह रकम बहुत कम है तथा कम से कम 5 हजार होनी चाहिए।यह निर्णय तुरंत करना चाहिए।

👍  सूरतगढ़ को जिला बनाने के लिए जो परिश्रम टैंट में लगाना पड़ता है उसको शाम के समय मोहल्लों में नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से लगाया जा सकता है। इससे जनता में जागरूकता भी बढ़ेगी और हर घर तक आवाज भी पहुंचेगी। 

टेंट में क्रमिक अनशन करने वालों के अलावा जो लोग एकत्रित होते हैं उनके पास गप्पे मारने और बातचीत का ही समय होता है।अच्छा है कि यह सारा समय शाम के समय मोहल्लों में नुक्कड़ सभाएं करके जन जागरण में लगाया जाए।


 समिति ने एक अच्छा निर्णय किया है कि जो कार्य होंगे वे समिति की बैठक में तय होंगे। समिति करीब 70 सदस्य या अधिक की है। इतनी बड़ी की आवश्यकता नहीं होती। अब जब सरकार के पास सारी चीजें पहुंची हुई है तब केवल 8-10 की एक संघर्ष समिति होनी चाहिए जो तुरंत बैठक बुला भी सकती है और तुरंत निर्णय भी कर सकती है। इसलिए एक संघर्ष समिति 10 या 11 मेंबरों की होनी चाहिए जो जब भी निर्णय लेना हो तो तुरंत निर्णय ले सके।


** समिति अभी से यह तय कर ले कि सरकार का बुलावा आता है तो प्रतिनिधि मंडल में 5 आदमी अगर जाते हैं तो कौन-कौन जाऐंगे। यदि 10 आदमी जाते हैं तो कौन-कौन जाएऐंगे। इनमें वही हों जो जिला बनाने की पूरी जानकारी रखते हों। नेता हों और जानकारी मामूली भी न हो तो उसको ले जाना ही बेकार। जिला बनाने का अभियान है भाड़ नहीं ं झोंकना। घूमने के लिए नहीं गंभीर बात करने के लिए जाना है।


ये निर्णय तुरंत कर लेने चाहिए ताकि जब अचानक ही बुलावा आए तो तुरंत ही पहुंचा जा सके।  अनावश्यक भागदौड़  कोई परिश्रम करने की व्यवस्था नहीं होगी।०0०







 

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