चौक पर झाड़ू लगाया: वोट पक्के हो गए. * करणीदानसिंह राजपूत *
चौक पर दस मिनट झाड़ू लगाया
इससे लोगों में लोकप्रियता हो गई
मतलब वोट पक्के हो गए.
कमाल है आपकी सोच का.
वोटर को क्या समझते हैं?
बुद्धिमान तो केवल आप हैं।
भगवान ने आपको बुद्धि दी है
लेकिन उसी भगवान ने उस
वोटर को भी बुद्धि दी है।
आपकी झाड़ू लगाती फोटो
आपकी झाड़ू लगाती विडिओ
वोटर ने भी देखी सभी ने देखी
तसले में कचरा भरते तसला उठाते
दूर कहीं डालते ट्राली से फेंकते
न फोटो न विडिओ तुम्हारे
चौक पर कचरा था तो कहां फेंका
बताओ तुम तो बुद्धिमान हो ।
तुम और दस जने सभी एक साथ
साफ सुथरे चौक को चमका रहे
जो सदा सुबह से शाम रहता है सफाचट।
शहर के नाले नालियां साफ करते
न फोटो है न विडिओ है तुम्हारे
गटर का पानी मिला लोग पीते रहे
तालाब में गंदगी पार्क में गंदा पानी
महाविद्यालय की टूटी चारदीवारी
समाचार पर समाचार छपते रहे
लोगों के साथ नहीं सुनी तुम्हारी आवाज।
नगरपालिका होती है शहर की धड़कन
उस धड़कन में कभी नहीं देखा तुम्हें
किसी गरीब को पट्टा दिलाने में
किसी विधवा की वृद्ध की फाईल लिए
चक्कर लगाते तुम्हें नहीं देखा किसी ने।
समारोहों में दस मिनट पहुंचे और
मेल मिलाप फोटो वीडिओ हुए
तुम्हें तो परवाह भी नहीं रही
दंडित अपराधी के फोटो संग
फोटो खिंचवाते झाड़ू लगाते।
भ्रष्टाचारी दुराचारी नहीं दिखता
तुम्हें केवल चुनाव दिखता है।
लोगों के दुखों में परेशानियों में
संघर्षों में न तुम न तुम्हारी आवाज
वोटर के मन की नोटबुक में काश ऐसा एक भी नोट होता
जो गवाही देता तुम्हारे काम की।
वोटर तुम्हें जानने लगा है
पहचानने भी लगा है।
अभी तो तुम्हारी छपी फोटो पर
क्रोस का निशान लगा रहा है।
दि.6 फरवरी 2023.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार,
( राजस्थान सरकार के सूचना एवं
जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़ ( राजस्थान )
94143 81356.
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