शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2023

चैयरमैन को अब 3 साल बीतने पर नोटिस लगाने की मजबूरी क्यों हुई

 

* करणीदानसिंह राजपूत * 

नगरपालिका सूरतगढ़ के प्रवेश हॉल में दीवार पर  नोटिस लगाया गया है कि किसी कार्य की जितनी रसीद राशि है उससे अधिक न दें। कोई मांग करे तो शिकायत करें। 



नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा ने अपने तीन साल के कार्यकाल के बीतने के बाद यह नोटिस लगवाया है। आखिर तीन साल बाद अब ऐसी क्या मजबूरी आई है कि ऐसा नोटिस लगवाना पड़ा। नोटिस या सूचना तो लिखना था। इतनी जल्दी क्यों रही जो विचलित दशा में होने जैसी हालत में लगवाना पड़ा।

* ऐसा समझ में आता है कि कुछ महीनों से नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। प्रदर्शन आदि भी होते रहे हैं। अब तो रोजाना ही कुछ न कुछ हो रहा है। 23 जनवरी 2023 से सुभाष चौक पर लगातार धरना चल रहा है जिसमें पालिकाध्यक्ष ही टारगेट है। लोग आरोप लगाते रहे हैं कि नगरपालिका में बिना पैसे के काम नहीं होता और लोगों को चक्कर लगाने पड़ते हैं।

* पूर्व विधायक गंगाजल मील की पत्रकार वार्ता में यह आरोप लगे थे। मील ने भ्रष्टाचार पर कहा था कि जो गलत कर रहा है वह जिम्मेदार है वही भोगेगा। इसके बाद लगातार आरोप लगते रहे। 

अभी नोटिस लगाने की मजबूरी मील के बयान के बाद हुई।

नगरपालिका में 6 फरवरी 2023 को पट्टे वितरण का कार्यक्रम था। पूर्व विधायक गंगाजल मील ने अपने भाषण में सार्वजनिक रूप में घोषणा कर दी कि पट्टे या नामान्तरण दर्ज कराने आदि में निर्धारित रकम से अधिक न दें। कोई मांगता है तो शिकायत करें। मील को भी यह कहना पड़ा क्योंकि आरोप सुनते सुनते उनके कान पक गए। नगरपालिका में जो हो रहा है उसका बुरा प्रभाव मील पर और आने वाले चुनाव को भी प्रभावित कर रहा है। मील ने जब कहा तो पालिकाध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा को भी ऐसा ही बयान वहीं मंच पर देना पड़ा। 

यह कारण है नोटिस लगाने का। 

* नगरपालिका में कुछ हो रहा था इस कारण ही आरोप लग रहे थे। यदि सामान्य कार्य समय पर हो जाए तो आरोप नहीं लगते। 

* यह नोटिस तो लग गया लेकिन किस काम के लिए कितने दिन लगेंगे? यह भी नोटिस लगना चाहिए। यदि किसी फाईल में कोई कमी है दस्तावेज नहीं है तो वह नोटिंग तो तुरंत होनी चाहिए यह जबानी क्यों कहा जाए। फाईल को दबाए रखना भी भ्रष्टाचार ही होता है।





यह ब्लॉग खोजें