गुरुवार, 3 नवंबर 2022

पूजा छाबड़ा के जुलूस की भीड़ ने सूरतगढ़ को चौंकाया:क्या पूजा छाबड़ा चुनाव लड़ेंगी?

 




* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 3 नवंबर 2022.

शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजा छाबड़ा के जुलूस का भारी भीड़ के साथ बाजारों में निकलना हलचल मचाने वाला रहा।

सूरतगढ़ के पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा ने राजस्थान में संपूर्ण शराबबंदी और लोकपाल की नियुक्ति की मांग को लेकर कई बार आमरण अनशन किया।

 2015 के अनशन के समय उन्होंने यह कदम उठाया कि अनशन किसी भी हालत में खत्म नहीं करेंगे। उन्होंने शराबबंदी की मांग को लेकर अपने प्राण उत्सर्ग कर दिए।  जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में 3 नवंबर 2015 को भोर में उनका निधन हुआ था। 

*गुरुशरण छाबड़ा छात्र जीवन से ही आंदोलनों में रहे। राजस्थान 1968- 69 का भूमि नीलामी रोको आंदोलन पूरे राजस्थान में फैला था। गुरुशरण छाबड़ा ने उस में गिरफ्तारी दी थी। उन्हें भरतपुर जेल में बंद किया गया था। उस समय मोहनलाल सुखाड़िया की सरकार थी। उसे आंदोलन के कारण अपने कदम वापस लेने पड़े। नीलामी रोकी गई और भूमि का आवंटन किसानों को शुरू हुआ था। गुलशन छाबड़ा ने अनेक आंदोलन किए। आपातकाल 1975 में आम सभा और उसके कुछ दिनों बाद प्रदर्शन के साथ गिरफ्तारी दी थी। सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय खोलने की मांग को लेकर भी आंदोलन किया गया था। वे राजस्थान में 1977 का चुनाव जनता पार्टी की टिकट पर लड़ा और विजयी हुए।

 सूरतगढ़ में राजकीय चिकित्सालय के समीप शहीद वाटिका है जिसमें गुरु शरण छाबड़ा की प्रतिमा है। वहीं पर जयंती और पुण्यतिथि के कार्यक्रम होते रहते हैं। 

3 नवंबर को आज पुण्यतिथि पर यहां से एक रथ यात्रा निकालने की शुरुआत हुई है जो संपूर्ण राजस्थान में शराबबंदी और नशाबंदी के लिए जन जागरण अभियान चलाएगी।  यह रथ गुरुशरण छाबड़ा की जयंती 9 जून पर सूरतगढ़ वापस लौटेगा। गुरुशरण छाबड़ा जी के निधन के बाद से उनकी बड़ी पुत्रवधु पूजा छाबड़ा शराबबंदी आंदोलन चला रही हैं।

 आज पूजा छाबड़ा का वक्तव्य सुनने और गुरु शरण छाबड़ा की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए जबरदस्त भीड़ इकट्ठी हुई जिसमें सैकड़ों की तादाद में महिलाएं भी थी। रथयात्रा के आगे आगे जुलूस में पूजा छाबड़ा शराबबंदी चल रही थी। आंदोलन से अनेक स्थानों पर वोटिंग से शराब बंद हुई वहां से आए हुए सरपंच लोग,सूरतगढ़ के शराबबंदी अभियान से जुड़े लोग बाजारों में से निकले तो भारी भीड़ को देखकर लोग दंग रह गए। लोगों को जुलूस में इतनी भीड़ की शायद उम्मीद नहीं थी। इस भीड़ में सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने वालों के अलावा राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोग भी शामिल थे।

इस भीड़ को देख कर विभिन्न प्रकार की चर्चाएं जिनमें राजनीतिक चर्चाएं भी नए सिरे से शुरू हो गई। लोगों में यह चर्चा जोरों पर चलने लगी है कि क्या पूजा छाबड़ा सूरतगढ़ से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी? पूजा छाबड़ा ने चुनाव बाबत अभी तक एक शब्द भी नहीं बोला है। पूजा छाबड़ा करीब एक साल से सूरतगढ़ में निवास कर रही हैं और हर सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रमों में उपस्थित हो रही है तथा शराबबंदी व नशामुक्ति के कार्यक्रम भी लगातार कर रही हैं।०0०








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