रविवार, 13 नवंबर 2022

पाकिस्तान के हिंदु: गुरुशरण छाबड़ा के प्रयास:दिनमान 1978.पांचजन्य 1981.

 




* करणीदानसिंह राजपूत 2022.

पाकिस्तान में कथित रूप से लोकतंत्र सरकार रही हो या सैनिक सरकार रही हो वहां पर हिंदुओं पर अत्याचार होते रहे हैं और अभी भी हो रहे हैं। हिंदू अपने धर्म अपने परिवार की इज्जत बचाने के लिए सीमा पार करके भारत में आते रहे।भारत में अभी भी हिंदू आ रहे हैं और भारत की नागरिकता की कोशिश कर रहे हैं। उनको कितना समर्थन यहां हिंदूवादी लोगों की ओर से मिल रहा है यह सोचने की बात है। विगत में जोधपुर क्षेत्र में आए हुए हिंदुओं को वापस पाकिस्तान धकेला गया था और किसी ने कोई सहायता नहीं की थी। यह भी सोचने की बात है कि हिंदू हिंदू का नारा लगाने वाले जब काम करने का वक्त आता है तब न सामाजिक संगठन कोई काम करते हैं और न राजनेता ही काम करते हैं।

ऐसे अनेक मामले अभी भी घटित हो रहे हैं। हिंदू पाकिस्तान से आते हैं दुखी हो करके आते हैं उनकी कितनी सहायता हिंदूवादी संगठन करते हैं इसकी समीक्षा वर्तमान काल में भी बहुत जरूरी है?  केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है।


* पाकिस्तान के हिंदू प्रताड़ित होकर अपनी मां बहन बेटियों को बचा कर हिंदुस्तान में प्रवेश करते रहे हैं।  सन् 1977 में जब केंद्र सरकार में जनता पार्टी का राज आया। राजस्थान में भी जनता पार्टी का राज आया उस समय पाकिस्तान से भाग कर आए हिंदुओं के अनेक परिवारों से सूरतगढ़ के विधायक गुरुशरण छाबड़ा मिलते रहे और राजस्थान सरकार से मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत से उनकी सहायता रोजगार आदि के लिए बात करते रहे पत्र लिखते रहे। उस काल में भारत और पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तारबंदी नहीं थी। सन 1977 में जब छाबड़ा जी विधायक थे तब अनूपगढ़ क्षेत्र में भ्रमण के दौरान पाकिस्तान से आए हुए हिंदुओं के परिवारों से भेंट हुई थी और फिर उनके दुख दर्द को समझ कर के कार्यवाही या शुरू की गई थी। गुरु शरण जी छाबड़ा के  विधायक काल में मैं अनेक यात्राओं में शामिल रहा था। पाकिस्तान से आए हुए हिंदुओं के मामले में अनेक पत्र गुरुशरण छाबड़ा के कहने से मैंने उनके लेटर पैड पर लिखे थे। अनेक समाचार पत्रों में स्थानीय समाचार पत्रों में राजस्थान के जयपुर से निकलने वाले पत्रों में और दिल्ली से निकलने वाले पत्रों में यह समाचार छपते रहे थे। 

गुरुशरण छाबड़ा के प्रयासों से दिल्ली के नेताओं से भी बात हुई।

 हम लोग चाहते थे कि किसी प्रकार से यह मामला लोकसभा में भी उठ जाए। इसमें हम सफल भी हुए।  लोकसभा में  20 जुलाई 1978 पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार और हिंदुओं के भागकर भारत में आने की घटनाओं पर बहुत बड़ा हंगामा हुआ। कांग्रेस पार्टी दोनों ने और वामपंथियों ने इस बात का विरोध किया कि यह सदन में क्यों रखा गया।

 * मेरे रिकॉर्ड में 30 जुलाई 1978 का दिनमान साप्ताहिक पत्र जो टाइम्स ऑफ़ इंडिया प्रकाशन का है उसकी प्रति मौजूद है,जिसमें गुरुशरण छाबड़ा जी का चित्र और मेरी रिपोर्ट है।

** मेरी एक बड़ी रिपोर्ट राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सप्ताहिक समाचार पत्र पांचजन्य में भी 10 मई 1981 में प्रकाशित हुई। ये दोनों पत्र यहां पाठकों के समक्ष पढ़ने के लिए रख रहा हूं। इससे मालूम होगा कि उस समय आज से 40- 45 वर्ष पहले भी कितनी सक्रियता पत्रकारिता में और लेखन में थी। 


माननीय गुरु शरण जी छाबड़ा ने राजस्थान में संपूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर किए गए अनशन में 3 नवंबर 2015 को प्राण त्याग दिए। ०0०

13 नवंबर 2022.

करणी दान सिंह राजपूत,

स्वतंत्र पत्रकार,

(राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)

सूरतगढ़ (राजस्थान)

94143 81356.

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