गुरुवार, 25 अगस्त 2022

पूर्वपालिकाध्यक्ष बनवारीलाल ओमसाबनिया रोहतास पर रेप केस चलेगा:HC में रिट खारिज

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

25 अगस्त 2022.


राजस्थान उच्च न्यायालय में अनुसूचित जाति की महिला से बलात्कार करने के आरोप में बनवारी लाल ओम साबनिया और सिपाही रोहतास बलात्कार प्रकरण में बनवारीलाल मेघवाल पूर्व चैयरमैन नपा सूरतगढ एवं रोहताश कांस्टेबल की याचिका माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर ने 9 वर्ष बाद खारिज कर दी। 

माननीय उच्च न्यायालय जोधपुर के न्यायाधिपति श्री पुष्पेन्द्र सिंह भाटी ने इस मामले में दिनांक 23-8-2022 को बहस सुनकर निर्णय आरक्षित कर लिया था जिस पर माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय ने आज 25 अगस्त 2022 को फैसला सुनाया।

 माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय ने इस प्रकरण में सूरतगढ एसीजेएम न्यायालय के अभियुक्तगण के विरूद्व प्रसंज्ञान के निर्णय को उचित ठहराया।

 राजस्थान उच्च न्यायालय ने कहा कि अवर न्यायालय ने सम्यक रूप से केस को विचार में लिया तथा सकारण आदेश पारित किया जिसमें हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।

 माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के इस निर्णय से अभियुक्तगण बनवारीलाल मेघवाल रोहताश व ओमसाबनिया आदि के विरूद्व अदालती कार्यवाही का रास्ता साफ हो गया है।


उल्लेखनीय है कि इस प्रकरण में अदालत के आदेश से बनवारीलाल मेघवाल, रोहताश कांस्टेबल, ओमप्रकाश साबनिया के विरूद्व पुलिस थाना सिटी सूरतगढ में 10 अक्टूबर 2010 को अनुसूचित जाति की एक महिला से बलात्कार का मुकदमा दर्ज हुआ था।


घरों में झाड़ू पोंछा करने वाली महिला रोहतास सिपाही के क्वार्टर  में काम करती थी।वहां पर चाकू की नोक पर तीनों ने एक-एक करके बलात्कार किया। धमकी के कारण डरी महिला कुछ साल चुप रहने को मजबूर रही और बाद में अदालत की शरण में गई। महिला प्रेग्नेंट हो गई। उसे दवा दी गई जिससे ब्लीडिंग हो गई।


 मुल्जिमान  के प्रभावशाली होने के कारण मुल्जिमान के प्रभाव में आकर पुलिस ने एफआर प्रस्तुत कर दी थी। जिसमें बाद में एसीजेएम कोर्ट सूरतगढ ने मुल्जिमानों के विरूद्व प्रसंज्ञान लिया था जिसे अभियुक्तगण ने महिला उत्पीड़न कोर्ट श्रीगंगानगर में चुनौती जिसमें महिला उत्पीड़न कोर्ट श्रीगंगानगर ने अवर न्यायालय को पुनः सुनवाई कर आदेश पारित करने का निर्देश दिया था। जिस पर एसीजेएम कोर्ट सूरतगढ ने पुनः सुनवाई कर मुल्जिमानों के विरूद्व प्रसंज्ञान ले लिया था जिसके विरूद्व मुल्जिमानों ने पुनः पहले महिला उत्पीडन कोर्ट श्रीगंगानगर में रिवीजन  पेश की जिसे महिला उत्पीड़न कोर्ट ने खारिज कर दिया इसके बाद मुल्जिमान ने माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की जिसमें काफी समय से स्थगन आदेश के कारण अवर न्यायालय में कार्यवाही रूकी हुई थी। माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा अब मुल्जिमानों की याचिका खारिज होने के बाद मुल्जिमानों के विरूद्व अदालत में सुनवाई शुरू होगी।

सूरतगढ़ में पीड़िता की ओर से वरिष्ठ एडवोकेट सरदार हरचंद सिंह सिद्धु ने पैरवी की थी। यह प्रकरण करणी प्रेस इंडिया और ब्लास्ट की आवाज में लगातार प्रकाशित होता रहा था।०0०









                                     

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