बुधवार, 18 मई 2022

राजस्थान भाजपा- सतीश पूनिया से अध्यक्ष या विधायक में से एक पद छुड़वाना समय की मांग.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी में अगले विधानसभा चुनाव 2023 में सीएम चेहरे को लेकर नित नया विवाद बयान सामने आता है। 

पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की चर्चा हो या कोई बयान आए तब प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया का मुंह भी तुरंत खुल जाता है। 

सतीश पूनिया हर बार बोले हैं कि भाजपा का संसदीय बोर्ड मजबूत है वह तय करेगा कि राजस्थान का भावी मुख्यमंत्री कौन होगा। पूनिया यह भी कहते रहते हैं कि आगामी चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा। इसमें कोई विवाद नहीं है। भाजपा मजबूत है और अगला चुनाव जीतकर प्रदेश में सरकार बनाएगी। 

* एक बात सर्वमान्य है कि वसुंधरा राजे का नाम आते ही सतीश पूनिया के शोले से भड़कने लगते हैं। उनके बयान अध्यक्ष जैसे न होकर प्रतिद्वंद्वी जैसे होते हैं। 

* वसुंधरा राजे ने कभी भी अपने मुंह से नहीं कहा है कि वे सीएम चेहरा हैं। ये बयान अन्य नेता या फिर राजस्थान की जनता जोरशोर से कहती रहती है। जनता तो वसुंधरा राजे के जयकारे मुख्यमंत्री मानकर लगाती है और आकाश गूंजा देती है। 

* राजस्थान के सूरतगढ़ में 10 मई 2022 को आयोजित बूथ अध्यक्ष स्तरीय संभागीय संकल्प समारोह में वसुंधरा राजे के आते ही उपस्थित कार्यकर्ताओं ने खड़े होकर वसुंधरा राजे जिंदाबाद से आकाश गूंजा दिया था। वहां किसी ने नारे लगवाए नहीं थे। किसी ने वसुंधरा राजे के नारे लगाने के लिए कहा नहीं था और न ईशारा किया था। जनभावनाओं से ही नारे लगे कि वे आज भी सर्वमान्य नेता हैं। ये नारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की उपस्थिति में लगे। स्वयं पूनिया भी समारोह में मौजूद थे।

अध्यक्ष को फूलों का विशाल माल्यार्पण किया तब वसुंधरा राजे भी उसी माला में शामिल थी। 

* वसुंधरा राजे का भय सतीश पूनिया के मस्तिष्क में छाया हुआ है। वसुंधरा राजे जब दिल्ली में राष्ट्रीय अन्य नेताओं से मिलती हैं तो तुरंत बाद ही पूनिया भी दिल्ली पहुंचते हैं और नेताओं से मिल कर आते हैं। पूनिया का पद और कद वसुंधरा राजे से बहुत नीचे है। वसुंधरा राजे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। सतीश पूनिया सारे राजस्थान में न प्रसिद्ध और नाम भी नहीं। 




* ताजा बयान विधायक एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल का आया जिससे खलबली मच गई। कैलाश मेघवाल ने अपने भाषण में कहा कि प्रदेश जनता वसुंधरा राजे में मुख्य मंत्री देखती हैं। स्व.भैरोंसिंह शेखावत पर प्रकाशित पुस्तक के लोकार्पण समारोह में यह वक्तव्य दिया गया था। यह वक्तव्य बना कर नही दिया गया था। 

इस वक्तव्य के आते ही अध्यक्ष सतीश पूनिया को बोलना ही था जो हमेशा बोलते हैं। 

चुनाव पीएम के चेहरे से ही लड़ा जाएगा। सीएम कौन होगा यह संसदीय बोर्ड तय करेगा। भाजपा का संसदीय बोर्ड मजबूत है। 

* वसुंधरा राजे ने अपने चेहरे और चुनाव के बारे में कभी कुछ नहीं कहा। जनता मानती है और यह बात सतीश पूनिया को पचती नहीं। वसुंधरा राजे घर से बाहर निकलती है कि विरोधियों के दिलों पर सांप लोटने लगते हैं। बस,ये विरोधी वसुंधरा राजे को बंद कर ताला नहीं लगा पा रहे। 

* राजस्थान में नेता होता तो सन 2003 में वसुंधरा राजे को राजस्थान में भेजने की आवश्यकता ही नहीं होती। घनश्याम तिवाड़ी, गुलाब चंद कटारिया आदि अपने अपने छोटे दायरे में ही नाम रखते थे। राजस्थान संपूर्ण में कोई स्थान नहीं था।

* वसुंधरा राजे ने महिला होते हुए भी भयानक गर्मी और लू के हालातों में परिवर्तन यात्रा निकाली थी।उस यात्रा के कारण ही सन 2003 में भाजपा को विजयश्री मिली थी। वसुंधरा राजे ने ही पश्चिमी राजस्थान की जीवनदायिनी इंदिरा गांधी नहर की उदगम से लेकर अंतिम छोर तक लगातार यात्रा की थी। इससे पहले कभी किसी ने इतनी लंबी नहर यात्रा नहीं की। चंदनमल बैद जब नहर मंत्री थे तब वे 20-25 किलोमीटर की नहर यात्रा किया करते और पत्रकारों को कवरेज के लिए साथ रखते।

* राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी मजबूत है। भाजपा का संसदीय बोर्ड भी मजबूत है।ऐसी स्थिति में सतीश पूनिया दो पदों पर क्यों बैठे हैं? 

वे आमेर से विधायक हैं। मान लें कि किन्हीं कारणों या परिस्थितियों में उनको प्रदेशाध्यक्ष भी बना दिया गया था। जब पार्टी मजबूत है तो वे दो पदों पर क्यों जमे बैठे हैं। उनको विधायक या अध्यक्ष एक पद पर रहना चाहिए। एक पद अपनी ईच्छा से ही छोड़दें। भाजपा हाई कमान को स्वयं ही कह दें। आखिर कब तक दोनों पदों पर रहना चाहते हैं और क्यों रहना चाहते हैं?

भारतीय जनता पार्टी का संविधान है। वह कागज मात्र तो नहीं है। संविधान के अनुरूप ही सब पद होने चाहिए। लोकतंत्र विधि से हो और कोई मनोनीत नहीं हो।०0०

दि. 18 मई 2022.

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकार,( 58 वर्ष का पत्रकारिता अनुभव,

( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356.

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