बुधवार, 18 मई 2022

सूरतगढ़:कार सवारों द्वारा राड से मारपीट कर छीने पर्स मोबाइल रूपये-4 घटनाओं से दहशत




* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 18 मई 2022. सूरतगढ़ शहर बीकानेर रोड और सिटी थाना क्षेत्र में सुबह चहलपहल आवागमन शुरू होने के बीच कार सवार बदमाशों ने लोहे की राड से मारपीट कर धमकियां देकर कुछ ही समय में 4 घटनाएं की और फरार हो गए।

बीकानेर रोड पर श्री श्याम रेडिमेड गारमेंट्स के नजदीक करीब सुबह छह बजे स्कूटी पर खेत को जा रहे किशन गोदारा को कार एकदम सटा कर रोका गया। कार में से एक एक कर तीन बदमाश उतरे और घेर कर उसके पैरों पर राड मारना शुरू कर दिया। स्कूटी गिर गई। किशन भागा मगर बदमाशों ने उसकी जेब ही फाड़ ली। उससे चार हजार रूपये छीने। बदमाश कार को वापस मोड़ कर भाग निकले। किशन घायल अवस्था में थाने पहुंचा। यह घटना केवल आधा मिनट में करदी गई। इतने में पास से गुजरने वाले गुजरे लेकिन कोई रुका नहीं। इस घटना का वीडियो पुलिस को मिल गया है। किशन गोदारा ने अपनी जान बचाई। कार मोड़ कर बदमाश भागे तब किशन भागा नहीं तो नीचे कुचला जाता। किशन गोदारा वार्ड नं 31 का निवासी है।

बदमाशों ने राष्ट्रीय उच्च मार्ग नं 62 पर कट नं 15 के पुल के समीप एक रेल कर्मचारी से भी पर्स मोबाइल एटीएम कार्ड और मोटरसाइकिल की चाबी छीनी। रेल कर्मचारी रात की ड्यूटी कर लौट रहा था। 

बदमाशों ने सदरथाना भवन के पास हनुमान गढ गंगानगर बाई पास पर एक दुपहिया वाहन सवार दो जनों से मोबाइल छीने।  

उसी बाईपास पर राधा स्वामी सत्संग भवन के पासबदमाशों ने एक ट्रक चालक को भी अपना शिकार बनाया। उससे भी 5 हजार रूपये छीन कर ले गए। ये प्राथमिक सूचनाएं हैं।

सूरतगढ़ में छीनाझपटी की एकसाथ होने वाली घटनाएं पहली बार हुई है। 

सिटी थाना पुलिस अपराधियों की खोज में जुटी है। अनेक स्थानों पर पुलिस को सुचित किया जा चुका है। अपराधियों के जल्दी ही सुराग लगने व पकड़ में आने की संभावना है। सूचना है कि किशन गोदारा को घेरा गया तब पर्स निकालने का कहते वक्त पंजाबी बोल रहे थे। अपराधियों के मुंह ढके हुए नहीं थे।

एज्यूकेशन हब बने सूरतगढ़ में बाहर से आने वालों ने शहर को नशे में बढावा दिया है और शहर अपराधों में आगे निकल गया है। मेडिकल नशा भी बढ गया है। पुलिस ने जो मामले पकड़े उनमें कोचिंग सेंटरों और पेइंग गेस्ट स्थानों के नाम पुलिस और अखबारों मीडिया ने कभी भी आउट नहीं किए। नाम साथ में होते तो संबंधित संस्थाओं के संचालक भी अपनी बदनामी के डर से कोचिंग लेने वालों पर ध्यान रखते। एक  उपखंड अधिकारी रामावतार कुमावत ने सख्ती की थी और हरेक के पास आईडी अनिवार्य होना किया था लेकिन वह लोगों को जंचा नहीं। उससे अपराध कम होते।०0०









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