बड़े दुख की बात है कि पंजाब में प्रधानमंत्री जी का सच हाथाजोडी कुछ भी क्यों नहीं चला।
* इसे केजरीवाल की जीत नहीं मोदी जी की हार के रूप में लोग देख रहे हैं। यही बात भाजपा के शूलें चुभाती रहेंगी।*
* करणीदानसिंह राजपूत *
प्रधानमंत्री मोदी जी और भाजपा नेताओं का सच पंजाब में नहीं चला और केजरीवाल और आप का झूठ पंजाब में चल गया इसलिए भाजपा हार गई और आप जीत गई। यह आरोप भाजपा और संघ समर्थक लगाते हैं।
इसका सीधा सादा अर्थ यह निकलता है।
क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सच इतना कमजोर है या पंजाब में इतना अधिक कमजोर रहा कि लोगों ने प्रधानमंत्री के सच को नहीं माना। केजरीवाल का उसकी आम आदमी पार्टी का झूठ ज्यादा ताकतवर रहा कि उसको लोगों ने मान लिया। प्रधानमंत्री मोदी जी दुनिया में ताकतवर प्रधानमंत्री माने जाते हैं और उनकी धाक अपने ही देश के एक छोटे से प्रदेश में पावरलैस हो गई। लोगों ने उनके सच को ठुकरा दिया। मोदीजी ने पावरफुल बाबाओं के आगे हाथ जोड़े धोक लगाए उनकी प्रसंशा के गीत गाए। बाबाओं के पास वोटबैंक था। इतने बाबा भी सच को वोट नहीं दिला पाए। सारी हाथाजोड़ी बेकार चली गई। आखिर इसकी समीक्षा तो की ही जानी चाहिए कि प्रधानमंत्री जी की पावर वहां फेल क्यों हो गई और केजरीवाल की झूठ प्रधानमंत्री जी के सच पर कैसे हावी हो गई? पंजाब में प्रधानमंत्री जी की पावर फेल होना इतनी मामूली सी घटना नहीं है कि वह भुला दी जाएगी। पंजाब में आम आदमी पार्टी केजरीवाल की यह जीत नहीं प्रधानमंत्री जी की भाजपा की हार में इसका उल्लेख होता रहेगा। लोग बातों में और राजनैतिक लेखक अपने लेखों में उदाहरण देते रहेंगे।
दिल्ली में केजरीवाल को पटखनी देने में कुछ बाकी नहीं रखा मगर वह मफलर बाबू जीता और सरकार बना गया। भाजपा नेताओं और मोदी जी में बाकी कुछ नहीं रहा। भाजपा की ऐसी बुरी गत बनी की वह मार भाजपा कभी भूल नहीं सकती। केजरीवाल की सत्ता में अड़ंगे पर अड़ंगे उपराज्यपाल के माध्यम से डलते रहे। इसके बावजूद आम आदमी पार्टी को झुका नहीं सके रोजाना अभद्र टिप्पणियों से सोशल मीडिया पर आरोप। सब फेल हो गए। इतने दिन रात के आरोप चल नहीं पाए। हां,भाजपा और संघ समर्थकों की आरोप लगाते में हार नहीं हुई। बस वे पंजाब चुनाव में हार गए। यह हार और इसकी मार। भुलाए नहीं भूली जा सकती। भाजपा और संघ समर्थक पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत को सहन नहीं कर सकते। रोजाना कुछ न कुछ पंजाब सरकार के विरुद्ध हंसी मजाक चलाते रहेंगे। दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं था लेकिन पंजाब तो पूर्ण राज्य है।
पंजाब की हार यानि मार ऐसी रही है कि भाजपा चार राज्यों का जीत उत्सव मनाती रही और मनाती रहेगी और पंजाब का कहीं नाम भी नहीं लेगी।
पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत को हवा में तो उड़ाया नहीं जा सकता। भाजपा पंजाब में 10 साल पीछे चली गईं। पहले कांग्रेस ने पांच साल राज किया और अब आप पांच साल राज करेगी। दस साल तक सत्ता विहीन रहना मामूली नहीं होता। अमरेंद्र सिंह मुख्यमंत्री रहा वह अधिक चुभा नहीं लेकिन आम आदमी पार्टी का राज और मुख्यमंत्री तो शूलें चुभाते रहेंगे। उपर से केजरीवाल का नाम आते ही मुंह खारा। जनता के सामने कैसे थूकें निगलते रहना पड़ेगा।
दिल्ली के बाद पंजाब की जीत से आप के हौसले बुलंद हो गए जिससे अब दूसरे आसपास के राज्यों में भी आप के घुसने का डर। राजस्थान में 2023 में विधानसभा चुनाव है और आम आदमी पार्टी यहां भी भाजपा के फाचर ठोकने की तैयारी में है।०0०
दि.25 मार्च 2022.
करणीदानसिंह राजपूत,
( 58 साल पत्रकारिता अनुभव)
पत्रकार,
सूरतगढ़ ( राजस्थान )
94143 81356
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