शनिवार, 26 मार्च 2022

पंजाब में अब पूर्व विधायकों को सिर्फ एक टर्म की पेंशन मिलेगी। जल्दी बनेगा कानून।

 




पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 25 मार्च 2022 को एक महत्वपूर्ण घोषणा की है कि पंजाब में पूर्व विधायकों को अब एक ही पेंशन मिला करेगी। पहले जितनी बार विधायक रह चुके हैं उतने ही बार की  पेंशन मिल रही है।
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद यह महत्वपूर्ण घोषणा है। विधानसभा में इसके लिए प्रस्ताव पारित कर कानून बनाया जाएगा तभी यह लागू हो सकेगा लेकिन इस घोषणा का आम जनता में स्वागत हुआ है।
इससे सरकार के करोड़ों रुपए बचेंगे जो अन्य कार्यों में जनता के लिए खर्च किए जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री मान का कहना है कि इसके साथ साथ पूर्व विधायकों को जो फैमिली भत्ते मिलते है उनमें भी कटौती की जाएगी। किसी भी पार्टी का उम्मीदवार चाहे कितनी भी बार का विधायक रहा हो उसे एक ही पेंशन मिलेगी। इसी अनुपात में फैमिली पेंशन भी कम होगी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार 25 मार्च  को अपने एक वीडियो मैसेज जारी करके कहा कि अधिकारियों को इसे लेकर उचित कार्यवाही करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मान ने कहा कि इस फैसले से सरकारी खजाने पर बोझ कम होगा, जो पैसा बचेगा उसे लोगों के कल्याण में लगाया जाएगा।
मान ने कहा कि पार्टियां सेवा का बहाना बनाकर सत्ता हासिल कर गईं, लेकिन लोगों केे कल्याण के लिए कुछ नहीं किया। उन्हाेंने कहा कि कई विधायक तो ऐसे हैं जो चार बार विधायक रहकर हार गए। किसी की पेंशन चार लाख किसी की सवा पांच लाख है, लेकिन अब सिर्फ एक ही पेंशन मिलेगी।
मान ने कहा कि कई विधायक तो सांसद भी रह चुके हैं और दोनों पेंशन ले रहे हैं। मान ने कहा कि बेरोजगारी बहुत बड़ा मुद्दा है। युवा डिग्रियां ले रहे हैं, लेकिन नौकरी मांगने पर उन्हें लाठियां मिलती हैं। सड़कों पर युवाओं की पगड़ी उतरती है, फिर भी नौकरी नहीं मिलती। अगर मिलती है तो अच्छा वेतन नहीं मिलता। अब युवाओं को लेकर सरकार फैसले लेगी जिनसे उनकाे रोजगार के साथ साथ अच्छा वेतन मिले। बेरोजगारी को खत्म करने के लिए ऐसी घोषणाएं जरूरी है।
कांग्रेस, शिअद ने किया स्वागत
दिलचस्प बात है कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पेंशन न लेने के लिए स्पीकर को लिखा था। बादल 11 बार विधायक और पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बादल ने इच्छा जताई थी कि उनकी पेंशन को शिक्षा के लिए खर्च किया जाए। अगर किसी जरूरतमंद की पढ़ाई पर खर्च हो तो ये ज्यादा बेहतर होगा। शिरोमणि अकाली दल ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।
शिअद के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि यह आम आदमी पार्टी की सोच में बदलाव है।
कांग्रेस के पूर्व मंत्री परगट सिंह ने भी फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे खजाने पर वित्तीय बोझ कम होगा। उन्होंने कहा कि प्रमुख विपक्षी पार्टी के तौर पर हम साकारात्मक भूमिका अदा करेंगे।
(यह निर्णय बहुत महत्वपूर्ण है और अन्य राज्यों में भी ऐसे बदलाव की मांग उठना भी निश्चित है।)

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