बुधवार, 3 नवंबर 2021

सूरतगढ़ में पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा का शहीदी दिवस मनाया: शराबबंदी अनशन में बलिदान

 

* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 03 नवम्बर 2021.

सूरतगढ़ के पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा जिन्होंने राजस्थान में संपूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर आमरण अनशन में 3 नवंबर 2015 को जयपुर में देह त्याग दी,उनके बलिदान दिवस को सूरतगढ़ में राजकीय चिकित्सालय के पास उनकी प्रतिमा स्थल पर स्मरण दिवस के रूप में मनाया गया ।
उनके नजदीकी आंदोलनकारी साथी सूरतगढ़ के गणमान्य नशाबंदी की मांग चलाने वाले कार्यकर्ता आदि प्रतिमा स्थल पर एकत्रित हुए। छाबड़ा जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और चरणों पर पुष्प चढाए गए।






गुरूशरण छाबड़ा ने सूरतगढ़ क्षेत्र में अनेक संघर्ष किये। सन 1969 में सरकार की भूमि निलामी कार्यक्रम का विरोध करते हुए किसानों के जेल  भरो  आंदोलन में भाग लिया। राजस्थान की समस्त जेलें भर गई। आखिर कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिय़ा को झुकना पड़ा। उसके बाद भूमि हीन किसानों को भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू हुई।
आपातकाल 1975 -77 में विरोध प्रदर्शन कर गिरफ्तारी दी व काफी समय जेल में रहे। जेल में भी भूखहड़ताल की । 
1977 में सूरतगढ़ से विधायक चुने गए। उनके कार्यकाल में सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय खुला जो अब उनके ही नाम पर है। 
सूरतगढ़ में 1995 में पेयजल आंदोलन उनके नेतृत्व में चलाया गया। श्रीमती राजेश सिडाना ने आमरण अनशन किया। उसके बाद इंदिरा गांधी नहर से वाटरवर्क्स को पानी मिलना शुरू हुआ।
उन्होंने राजस्थान में संपूर्ण शराबबंदी और लोकपाल नियुक्ति की मांग को लेकर तीन बारआमरण अनशन किया। तीसरी बार में अपने निर्णय पर अडिग रहे और देह त्यागी। उनकी देहदान की घोषणा पहले कर दी गई थी। देह एस एम एस जयपुर को दान हुई। 
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत  सरकार ने 2019 के बजट में राजकीय महाविद्यालय का नाम गुरूशरण छाबड़ा के नाम किया। सूरतगढ़ में पुरानी आबादी के राजकीय माध्यमिक विद्यालय का नाम भी गुरूशरण छाबड़ा के नाम किया हुआ है।

शहीदी दिवस कार्यक्रम में गुरूशरण छाबड़ा अमर रहे के नारे लगाए गए।
डा टीएल अरोड़ा,लोकतंत्र सेनानी करणीदान सिंह राजपूत,लोकतंत्र सेनानी बलराम वर्मा ने उनकी जीवनी और संघर्षों पर विचार प्रगट किए। राजपूत ने कहा कि उनकी जयंती समारोह मनाएं तब उनके वृद्ध साथियों को यहां विशेष रूप से घरों से लाया जाए।

लोकतंत्र सेनानी गुरनामसिंह कम्बो, लोकतंत्र सेनानी महावीर तिवाड़ी, लोकतंत्र सेनानी का.लक्षमण शर्मा, इंजीनियर रमेशचन्द्र माथुर,बलदेवराज तनेजा, महावीर प्रसाद भोजक,  समाजसेवी रामप्रवेश डाबला,अमित मोदी , जनकराज गुम्बर,बाबूसिह खीची, प्रेमसिंह , विक्रम सिंह,भानी भाट, जसराज गुम्बर, मनोजकुमार स्वामी, गोविन्द मुटनेजा आदि समारोह में शामिल हुए।
उनकी बड़ी पुत्र वधु पूजा छाबड़ा और छोटी पुत्र वधु पूनम छाबड़ा राजस्थान में संपूर्ण शराब बंदी मांग का आंदोलन चला रही है।०0०
( करणीदानसिंह राजपूत. छाबड़ा के निकटतम आंदोलनकारी साथी) पत्रकार.
सूरतगढ़.94143 81356.
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