सबसे बड़े गुरु 'मोबाइल गुरु' को वंदन - * करणीदानसिंह राजपूत *
सूर्योदय से पहले ही शुभकामनाओं के साथ शिक्षा शुरू होती है जो सारे दिन चलती है।
रात को सोते वक्त भी चलती है और सो जाने के बाद भी चलती रहती है।
संदेश पर संदेश सीख पर सीख शब्दों से सीख भाषण से सीख चित्रों सहित सीख न जाने कितने प्रकार की शिक्षा मिल रही है। सोशल मीडिया जिसे मैं सोशल साइट्स कहता हूँ कभी शिक्षा देने में आलसी नहीं रहे।
* मोबाइल ग्रुपों से शिक्षा थोपे जा रहे हैं।जब विद्यालयों में थप्पड़ और डंडे का प्रचलन था वह सहन हो जाता था,अब मोबाइल गुरु जो थप्पड़ डंडे नहीं मारता उसकी सीख असहनीय होते हुए भी ग्रहण करनी पड़ रही है। ऐसे लगता है कि अगर गुरु की हां में हां नहीं मिलाई तो एक ना के बाद न जाने कितने लठ खाने पड़ जाएंगे। नाराज मोबाइल गुरू एक ही संदेश धड़ाधड़ दस बीस बार भेज देगा। एक के बाद एक आते रहेंगे।
* कहने को सुप्रभात शुभ रात्रि अंग्रेजी में गुड मॉर्निंग गुड नाइट। ना जाने कितने ही शब्द मेरे मोबाइल गुरु ने बना लिए हैं। रोजाना जयंतियों और पुण्यतिथियों के संदेश कि इनके कदमों पर चलें। मोबाइल गुरु नहीं चलता मगर मुझे चलने का कहता है। ऐसे दिन भी होते हैं जिनमें एक तरफ जयंती पर बधाई और तत्काल ही दूसरी तरफ पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन का अर्पण।
मैं उस धर्म को देवी देवता को मानता हूं चाहे न मानता हूं सीख सर्वोपरि जो मोबाइल गुरू ने दे दी।
** मैं असल में मोबाइल गुरू की सीख ग्रहण पढ़ते-पढ़ते उक्ता गया हूं। अब मोबाइल खोलते ही सबसे पहले शिक्षा के पाठ उड़ाने में लगता हूं जिसे अंग्रेजी में डिलीट करना कहते हैं।
अब तो समझ में बहुत कुछ आ गया है।फारवर्ड मैटर भी उड़ाने की शिक्षा मुझे अच्छी तरह से मिल चुकी है।
💐 मोबाइल गुरू को वंदन।
* 5 सितंबर 2021.
-- करणीदानसिंह राजपूत,
स्वतंत्र पत्रकार
( राजस्थान सरकार के सूचना एवं
जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़ ( राजस्थान ) भारत।
91 94143 81356.
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