* उत्तर पश्चिम रेलवे के बीकानेर खंड के सूरतगढ़ रेलवे कर्मचारी आवासों पर बीमारियों का खतरा*
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़। रेल अधिकारियों के ड्यूटी के प्रति अनदेखी के कारण रेल कर्मचारी और परिवार आवासों के पास फैली भयानक गंदगी और सड़ांध में बीमारियों की आशंका में रहने को मजबूर हैं।
रेल कॉलोनियों की केयर मीटिंग्स( कालोनी रख रखाव बैठकें) नियमित होनी चाहिए लेकिन सूरतगढ़ में उसका कोई अता-पता नहीं है।
यह गंदगी एक-दो दिन कि नहीं कई महीनों की है जिसके कारण हालात भयानक बने हुए हैं। पुराने लोको स्थल के पास बने आवासों के पास गंदे पानी के कुएं भरे पड़े हैं जिनकी बहुत समय से सफाई नहीं हुई उनमें पेड़ उग गए। नालियां टूटी पड़ी है। गंदा पानी आवासों के पास तालाबों के रूप में यत्र तत्र पड़ा है।
आवास टी-23 के पीछे रेलवे पार्क के पास गंदगी और कचरा पड़ा है। गंदे पानी के तालाब महीनों से पड़े हैं. रेलवे आवासों पर अनदेखी के कारण ऊपर छतों की टंकियों के पास पेड़ उग आए हैं। पेड़ एक दिन में तो उगे नहीं हैं, स्पष्ट है कि कई महीनों से साफ सफाई नहीं हुई। इन आवासों पर छत की टंकियों के भरने के बाद घंटों तक पानी सुबह और शाम बेकार बहता है। टंकियों के भरने के बाद अपने आप बंद होने वाले वाल्व लगे हुए नहीं हैं। खराब हो गए तो उन्हें ठीक कराया जाना था या नये लगाए जाने चाहिए थे लेकिन ऐसी मरम्मत नहीं होने से बहुत समय से शुद्ध पेयजल व्यर्थ में बह रहा है। आवासों के फर्श नवीनीकरण हुए उसको 6 महीने से अधिक समय हो गया। उनका पुराना मलबा वहीं ढेरियों के रूप में पड़ा है,उसे उठाया नहीं गया।
इनके पास में बने दो मंजिला मकानों में भी पिछवाड़े नालियों आदि की सफाई का कोई प्रबंध नहीं है।
जहां पर गंदा पानी का कुआं और पंप लगाया हुआ है वह कुआं पूरा ढह चुका है। उसकी जाली दूर टूटी पड़ी है। कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है। पशु उसमें गिर सकते हैं या ड्यूटी करते हुए सफाई कर्मचारी भी अनहोनी का शिकार हो सकते हैं।00
करणीदानसिंह राजपूत,
स्वतंत्र पत्रकार ( राजस्थान सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़. ( राजस्थान)
मो. 94143 81356.
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