सूरतगढ़ में विधानसभा चुनाव के बाद से नगर पालिका की खाली पड़ी जमीन पर बेशुमार बड़े-बड़े अतिक्रमण दिन रात हो रहे हैं। अतिक्रमणकारियों को पकड़ने पर सत्ताधारी राजनीतिक दल के एक नेता के नाम से संदेश फोन पर आता है हमारे आदमी है इनको छोड़ दो।
सूरतगढ़ में करोड़ों रुपए की नगरपालिका जमीन पर 1 महीने में बेशुमार कब्जे हो चुके हैं।
यह कब्जे 1-,2-2 बीघों के अंदर हो रहे हैं। गरीब आदमी सिर छुपाने के लिए छत बनाता है तो वह मामूली सी जमीन पर ही कब्जा कर पाता है और वह कब्जा हटा भी दिया जाता है। लेकिन 1-2 बिघों में जो लोग कब्जा करते हैं गरीब नहीं बड़े लोग हैं।
इतनी बड़ी जमीन पर कब्जा करने के लिए 50 हजार से लेकर लाख ₹2 लाख की ईंटें ही लग जाती है और मिस्त्री मजदूर निर्माण सामग्री पर ₹50हजार से लाखों रुपए लग जाते हैं। यह कब्जे धारी गरीब नहीं हो सकते, लेकिन सत्ता की शह पर सरकारी जमीन पर धड़ल्ले से कब्जे हो रहे हैं।
सूरतगढ़ में भयानक शीत के अंदर हजारों बीघा जमीन पर अतिक्रमण हो चुके हैं। अभी वार्ड नं5 में भूमाफिया सक्रिय है।
1 फरवरी को वार्ड नंबर 5 में सरकारी जमीन पर बहुत बड़े-बड़े कब्जे हो रहे थे। एक अतिक्रमण पर तो कई मजदूर मिस्त्री लगे हुए थे। साफ था कि कोई रोक-टोक नहीं है। नगर पालिका की ओर से भी इन दिनों में कोई रोक नहीं हुई।
नगरपालिका संपत्ति के बोर्डों को चारदिवारियों में छुपा दिया गया है और कुछ बोर्ड काले कर दिए गये हुए भी वहां दिखाई पड़ते हैं।
बहुत से घरों में कब्जों में कोई रहने वाला नहीं है।
वहां पर बिजली पानी कैसे पहुंचेगा सड़कें कैसे बनेगी।
बिजली के खंभे बिना तारों के अभी लगे हुए दिखाई पड़ते है।
यहां पर अतिक्रमण करने वाले लोगों के हौसले बुलंद हैं बहुत बड़े अतिक्रमण पर आसपास के गुजरते लोगों ने बताया कि पार्षद कब्जे करवा रहा है। और यह बहुत बड़ा अतिक्रमण हो रहा है यहां पार्षद अपने रिश्तेदार को कब्जे करवा रहा है।
यही हाल बढ़ते हुए नशे का है।
सरकार और उच्च स्तरीय पुलिस अधिकारियों का आदेश है कि अवैध दारू कहीं भी नहीं बिके। ठेकों पर भी रात के 8:00 बजे के बाद किसी भी हालत में अवैध बिक्री नहीं हो लेकिन जो लोग बेखौफ यह कार्य कर रहे हैं। उन्हें पकड़ा जाता है तब सत्ताधारी पार्टी के नेता का फोन आता है कि छोड़ दो हमारे आदमी है।
अभी तक यह स्थिति नहीं हुई है कि अतिक्रमणकारियों को और अवैध दारू बेचने वालों को छोड़ दिया गया हो। लेकिन पूरे सूरतगढ़ उपखंड में पकड़ धकड़ पर रुकावट के लिए भारी दबाव डाला जा रहा है।
सूरतगढ़ उपखंड में इससे अपराध बढ़ेंगे। पुलिस प्रशासन और सिविल प्रशासन दोनों की ही जिम्मेवारी है कि कड़ाई के साथ सरकारी जमीन को बचाया जाए व लोगों को अवैध दारू बाजो के चक्कर से दूर रखा जाए।
इन दिनों नगरपालिका की जे सी बी मशीन ढिली पड़ी है। नगर पालिका प्रशासन खुलेआम हो रहे अतिक्रमण ओं को तुुड़वाने के लिए मौन व्रत धारण किए हुए हैं।
मुख्य मंत्री अशोक गहलोत से और सरकार से भी खुद को बड़े मानने लगे हैं और उनकी शह अपराधियों पर है।
जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को कड़ाई कर अपराधों पर नियंत्रण करना होगा।
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