पेड़ों व वन्य प्राणियों बाबत: राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई की गंगानगर बैठक
श्रीगंगानगर, 3 फरवरी। वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुखराम बिश्नोई ने कहा कि पेड़ो की अवैध कटाई रोकने एवं पर्यावरण की रक्षा करना विभाग का पहला उत्तरदायित्व है। उन्होंने कहा कि अवैध कटाई रोकने के लिए पेड़ों की नम्बरिंग करने के पश्चात विडियोग्राफी करवाई जाए।
वन राज्यमंत्री रविवार 3-2-2019 को जिले के एक दिवसीय दौरे के दौरान कलेक्ट्रेट सभाहॉल में आयोजित बैठक में निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा लगाए गये पौधों में से अधिकतम पौधे जीवित रहे। हमारा प्रयास रहना चाहिए कि सौ पौधो में से कम से कम 80 पौधे जीवित रहे। उन्होंने ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अधिकतम फलदार पौधे नर्सरियों में तैयार किये जायें । वन भूमि पर बसी आबादियों के नियमितिकरण के संबंध में कहा कि ऐसे प्रकरण पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार के अधीन आते है।
उन्होने कहा कि वन्य जीवों की रक्षा के लिए वन्य जीव कानून की कडाई से पालना की जाये। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वन्य जीव अधिनियम के तहत 14 प्रकरण सामने आए, जिनमें 12 प्रकरणों में चालान कर दिया गया है। जिले में सूरतगढ व रायसिंहनगर क्षेत्र में हरिण व मोर के शिकार संबंधी प्रकरण सामने आये है। नील गाय के संबंध में वन राज्यमंत्री ने कहा कि नील गाय एक श्रृद्धा के साथ जुड़ा हुआ है।
वन राज्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अधिकतम पात्र नागरिकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा का लाभ मिलना चाहिए। उन्होने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में 59 प्रतिशत तथा शहरों में 49 प्रतिशत नागरिक लाभ ले रहे है। अभी इसमें और नागरिकों को जोडने की गुंजाईस है। उन्होने कहा कि कोई उपभोक्ता किसी भी दुकान से राशन ले सकता है। जिस दुकानदार का व्यवहार अच्छा नही होगा वहां उपभोक्ताओं की संख्या कम होती चली जाएगी।
बैठक में नगर परिषद क्षेत्र में संचालित एसटीपी की प्रगति की जानकारी ली। उन्होने कहा कि नगरपालिकाओं के गंदे पानी को ट्रीट करने के बाद ही खेती व सब्जियां उगाने में काम में लिया जा सकता है। श्रीगंगानगर शहर में ठोस कचरे के निष्पादन के लिए प्लांट लगने की प्रक्रिया को गति देने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि जैसे-जैसे आबादी बढेगी वैसे-वैसे कचरें में बढोतरी होगी। हमे समय रहते इसका उचित प्रबन्धन करना चाहिए।
वन राज्यमंत्रा ने कहा कि चिकित्सालयों से निकलने वाले बायोवेस्ट को सामान्य कचरे में शामिल न किया जाए। जो चिकित्सालय बायोवेस्ट का सीटीएफ के माध्यम से विधिवत निस्तारण नही करवाते है, उनके विरूद्ध चिकित्सा विभाग व स्थानीय निकाय कार्यवाही करें। उन्होने कहा कि समय-समय पर बाट-माप की जांच होनी चाहिए।
गंगानगर विधायक श्री राजकुमार गौड ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा का लाभ अधिकतम गरीब परिवारों को मिलना चाहिए। उन्होने कहा कि संबंधित एसडीएम ऐसे पात्रा परिवारों की स्वीकृतियां जारी करे, जिससे पात्रा लोग सस्ता अनाज ले सके। उन्होने कहा कि जिले में अभी निर्धारित प्रतिशत से कम नागरिकों को लाभ दिया जा रहा है। श्री गौड ने शहर की सफाई व्यवस्था तथा गंदे पानी की स्थिति में सुधार के लिए सुझाव दिये। उन्होने कहा कि पेट्रोल पम्पों की भी समय-समय पर जांच होनी चाहिए, जिससे उपभोक्ता को पूरा व गुणवत्ता वाला ईधन मिल सके।
बैठक में सादुलशहर विधायक श्री जगदीश जांगिड, एडीएम सतर्कता श्री गोपालराम बिरदा, न्यास सचिव श्री कैलाशचंद शर्मा, उपनिदेशक लोक सेवाएं श्री मुकेश बारहठ, उपवन संरक्षक श्री पयोंग शशि, केन्द्रीय सहकारी बैंक के प्रबन्ध निदेशक श्री दीपक कुक्कड, जिला रसद अधिकारी श्री पार्थ सारथी, पूर्व विधायक श्री सन्तोष सहारण, पूर्व सांसद श्री शंकर पन्नू, श्री कुलदीप इंदौरा, श्री अशोक चांडक सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। वन राज्यमंत्री ने अधिकारियों की बैठक के पश्चात जनसुनवाई की जिसमें जिले के नागरिकों ने पेडो की अवैध कटाई, लकडी मंडी, आवासीय पट्टों के अलावा सार्वजनिक व नीजि समस्याएं बताई।