खटीक के अनुसार जब इलेक्शन पिटिशन कोर्ट में विचाराधीन थी, इस दौरान दस्तावेजों में हेरफेर की गई। इस पर खटीक ने सूचना के अधिकार के तहत दस्तावेज निकलवाए। नाम निर्देशन पत्र में पेश किए गए दस्तावेजों में शपथ पत्र और शपथ प्रतिज्ञान शामिल थे, लेकिन आरटीआई के तहत मिले दस्तावेजो में यह गायब थे।