श्रीगंगानगर,
25 नवम्बर।
सांसद श्री निहालचंद ने
शुक्रवार को संसद में जोरदार तरीके से नहरों में आ रहे गंदे पानी की समस्या
को सदन में रखा।
श्री निहालचंद ने कहा कि पंजाब से राजस्थान में
आने वाली नहरों में अक्सर गंदा पानी आता है। नहरों के किनारे बसे औद्योगिक
क्षेत्रों का गंदा रसायन भी इन नहरों में डाला जाता है। राजस्थान के
निवासी इन नहरों में आने वाले पानी को पीने के उपयोग में लेते है, जिससे
नागरिकों के जीवन पर विपरीत असर पडता है। उन्होने बताया कि पंजाब के
उद्योगों से रसायनयुक्त गंदा जल राजस्थान के निवासियों का जन जीवन तहस-नहस
कर रहा है।
श्री निहालचंद ने संसद में बताया कि सतलुज तथा अन्य
डेम का पानी स्वच्छ होता है, लेकिन पंजाब क्षेत्र में गुजरने के कारण
विभिन्न प्रकार के अपशिष्ट इन नहरों में डाले जाते है, जिससे यह पानी पीने
लायक नही रह जाता। इस गंदे पानी को पीने से बीमारियां तथा नहाने से चरम रोग
उत्पन्न हो जाते है। पंजाब से आ रहे रसायनयुक्त पानी से श्रीगंगानगर व
हनुमानगढ जिलों के हजारों नागरिक अपना स्वास्थ्य खराब कर चुके है तथा गंभीर
रोगों के शिकार होकर दम तोड रहे है। हमारे इलाके में कैंसर रोग इसी
रसासनयुक्त जल के कारण हमारे इलाके में पैर पसार चुका है। घर-घर में कोई न
कोई नागरिक कैसंर रोग से पीड़ित है। उन्होने आग्रह किया कि मानव जीवन से
जुडी इस गंभीर समस्या का समाधान किया जाए तथा पंजाब से रसायनयुक्त आ रहे
पानी को स्वच्छ करने के पुख्ता इंतजाम किए जाए। उन्होने कहा कि आम नागरिकों
के अलावा पशुओं के जीवन पर भी यह खतरनाक पानी बुरा असर डाल रहा है। दुधारू
पशु रसायनयुक्त गंदे जल से विभिन्न बीमारियों के शिकार हो जाते है।