वसुंधरा अब कैसे करेगी न्याय जो लोगों को लगे एकदम सही:
टिप्पणी- करणीदानसिंह राजपूत
समय बड़ा बलवान। पल में चाहे सो करदे। राजा को रंक और रंक को राजा बनादे। काल का चक्र एक पल के लिए भी नहीं रूकता। मानव उम्मीदों पर जीता है लेकिन कहते हैं कि उम्मीदों पर संकट आता है तो आगे होने वाले हालात का अनुमान नहीं लगाया जा सकता।
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अच्छे दिनों की उम्मीदों में प्रसन्नता से मुस्कुराते हुए पुष्प गुच्छों को भेंट किया था।
अच्छे दिनों में कोई कमी भी नहीं थी कि एक चींटी जैसे भगोड़े ललित मोदी के नाम ने हाथियों को बेचैन कर दिया। अब क्या होगा और कब होगा?
तुरंत होगा या एक बार आँधी के शांत होने के बाद कुछ होगा ताकि जनता में संदेश दिया जाए कि विपक्ष के दबाव में कुछ भी नहीं किया गया है।
वसुंधरा राजे न्याय दरवाजे दरवाजे पर बांटने निकली थी और अब न्याय उनके ही दरवाजे पर आकर खड़ा हो गया है।
देखें वसुधरा स्वयं कैसे कर पाती है न्याय? पुत्र मोह भी बीच में है।
पुराने समय में तो सत्यनिष्ठा के धनी राजा पल भर में न्याय कर देते थे और राज सिंहासन छोड़ कमंडल ले निकल जाते थे।
अभी तो चित्रों में देखें आगे क्या होगा?
20-6-2015
up date 16-5-2016