सोमवार, 9 फ़रवरी 2015

दिल्ली में आप की जीत:मोदी राजनीति का पतन कहलाएगी:


आप की जीत के पक्के विश्वास से मार्केट में जबरदस्त हलचल:
- करणीदानसिंह राजपूत -

दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के पक्के संकेत मिलने से चुनाव के परिणाम आने के एक दिन पहले 9 फरवरी को दिल्ली बाजार यानि कि राजधानी के बाजार में जबरदस्त हलचल मची है। शेयर बाजार में जबरदस्त हलचल पर राजनैतिक दृष्टि में कहा जा सकता है कि दिल्ली में आप की जीत का दूसरा नाम होगा मोदी की राजनीति के पतन की शुरूआत। यह वाक्य अनेक लोगों को भाजपा के कट्टर समर्थकों कार्यकर्ताओं को चुभने वाला लगेगा। मोदी की लहर तो पहले ही खत्म हो चुकी है तो उसके बाद अगली निचाई को राजनैतिक पतन की शुरूआत ही कहा जाएगा। इसके लिए अन्य कोई शब्द नहीं हो सकते।
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली चुनाव पूरे विश्वास ले लड़ा वहीं भाजपा में विश्वास की कमी रही। केन्द्र में व कई राज्यों में भाजपा की सरकारें होते हुए भी भाजपा में विश्वास की कमी जग जाहिर हो रही थी और इस कारण से भाजपा के नेताओं पर जीत का भरोसा न करते हुए बाहर से खोज खोज कर प्रत्याशी लाए गए।
दिल्ली का मतदाता इतना स्याना समझदार और राजनैतिक सूझबूझ वाला जरूर है कि भाजपा की प्रत्याशियों की खोज नीति को भली भांति समझता रहा है। वह आम आदमी पार्टी को एक बार वोट देकर इतना जल्दी बदलने वाला नहीं है। हां,मतदाता को यह मालूम पड़ गया था कि उसने बहुमत में कमी रख दी थी। बस,इस बार के चुनाव में वह बहुमत वाली कमी को पूरा करेगा। यही संकेत मिल रहे हैं।
असल में ये संकेत चुनाव में मतदान से पहले से मिलने लग गए थे।
इन संकेतों के कारण ही प्रधानमंत्री तक विचलित हुए भाषण दे रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक सभा में कहा था कि जो जिस काम में स्पेसलिस्ट हो उसे वहीं काम सौंपना चाहिए। जनता से हां भरवाने के लिए कहा कि बहनों और भाईयों ऐसा होना चाहिए कि नही? केजरीवाल की पार्टी तो धरना प्रदर्शन करने में स्पेसलिस्ट है उसे राजनीति की सरकार चलाने की जानकारी कहां है?
अब मोदी जी को कोई पूछे कि आप चाय बनाने और पिलाने में स्पेसलिस्ट थे। आपको वही काम सौंपा जाना चाहिए था लेकिन जनता ने देश का प्रधानमंत्री बना दिया।
जहां तक सवाल धरना प्रदर्शन करते रहने का है,तो ये कार्य तो राजनीति की पहली सीढ़ी है और हर पार्टी ने ये कार्य देश में कहीं न कहीं तो जरूर ही किए हैं। मोदी जी वाली भारतीय जनता पार्टी ने भी किए हैं।
केजरीवाल ने इसका उत्तर बड़ा संजीदा दिया और जनता के सामने दिया कि धरना प्रदर्शन खुद के लिए नहीं दिया। आप लोगों के लिए दिया। केजरीवाल ने इसमें जनता से हां भी भरवाई।
भाजपा की केन्द्र की संपूर्ण सरकार,प्रदेशों के नेता और सरकारें सारे के सारे दिल्ली चुनाव में लगे और उसके बाद भी संकेत ये कि दिल्ली में आप को बहुमत मिलेगा और उसकी सरकार बनेगी।
इतिहास लिखने वाले और राजनैतिक समीक्षक इसे मोदी की राजनीति के पतन की शुरूआत मानेंगे।

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