रक्तदान महादान
मरणोपरांत देहदान सबसे महान।
आओ इनकी अलख जगाएं
चेतन सबको करें
अग्रसर करें मानव सेवा को।
जीवन संघर्ष के अनमोल क्षणों में
आवश्यकता पड़ जाए
जब लाल रक्त की
बीमार घायल प्रसूता और नवजात
सब के सब लाचार।
कहां से आए रक्त
कहां से लाएं रक्त
पीड़ा और बेबसी में
कहां से खोजे रक्तदाता।
जीवन के इन अनमोल क्षणों में
विनती हो जब रक्तदान की
कई बार परिजन भी कर देते बहाना।
ऐसे विकट काल में करें रक्तदान
किसी को करें जीवनदान
कौन अपना है कौन पराया
यह तो होता समय का फेरा।
निस्वार्थी बन करदें सेवा
विकट काल में कर देंं सेवा।
आओ जन,
जीवनदाता बनने को
रक्तदान करने को
घर-घर में अलख जगाएं।
इस धरती पर अनेक लोग हैं
और हैं अनेक संस्थाएं
कामकाज उनका देवदूत सा
अलख जगाती जीवनदान का।
अलख जगाती रक्तदान का,
मरणोपरांत देहदान का।
रक्तदान महादान
मरणोपरांत देहदान सबसे महान।
आओ,
रक्तदान की अलख जगाएं
लोगों को प्रेरित करें आगे लाएं।
रविवार हो या कोई अवकाश
कोई त्यौहार हो या जन्मदिन
जयंती हो पुण्यतिथि हो
रक्तदान का शिविर लगाएं
पीड़ितों की जान बचाएं।
मेरा इलाका दानी महादानी
सबसे आगे सबसे महान
आओ,पूजें उन लोगों को
जो करते हैं रक्तदान
जो कर गए देहदान
शरीर संरचना शिक्षा के खातिर
कर गए देहदान।
मैं कैसे उनके नाम गिनाऊं
उनके नाम तो यहां गली गली
कूचे कूचे में भरे पड़े हैं।
मेरा इलाका दानी महादानी
किस-किस के मैं नाम बताऊं।
आओ,
अलख जगाएं रक्तदान की
अलख जगाएं मरणोपरांत देहदान की।*
*****
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार,
सूरतगढ़
9414381356.
******
यह कविता आकाशवाणी के सूरतगढ़ केन्द्र से 2007-8 के करीब प्रसारित हुई थी।( मामूली सा संशोधन).
मैं सूरतगढ़ की संस्थाओं का आभारी हूं जिनकी प्रेरणा से यह कविता उत्पन्न हुई लिखी गई। आकाशवाणी केंद्र और स्टाफ का भी आभारी हूं जिन्होंने इसे रिकॉर्ड किया और प्रसारित किया।
********
आपके आसपास के रक्तबैंक में रक्तदान करें। शिविर लगे उसमें रक्तदान करें। अन्य जन को भी प्रेरित करें।
- करणीदानसिंह राजपूत.
मरणोपरांत देहदान सबसे महान।
आओ इनकी अलख जगाएं
चेतन सबको करें
अग्रसर करें मानव सेवा को।
जब लाल रक्त की
बीमार घायल प्रसूता और नवजात
कहां से आए रक्त
कहां से लाएं रक्त
पीड़ा और बेबसी में
कहां से खोजे रक्तदाता।
जीवन के इन अनमोल क्षणों में
विनती हो जब रक्तदान की
कई बार परिजन भी कर देते बहाना।
किसी को करें जीवनदान
कौन अपना है कौन पराया
यह तो होता समय का फेरा।
विकट काल में कर देंं सेवा।
आओ जन,
जीवनदाता बनने को
रक्तदान करने को
घर-घर में अलख जगाएं।
और हैं अनेक संस्थाएं
कामकाज उनका देवदूत सा
अलख जगाती जीवनदान का।
अलख जगाती रक्तदान का,
मरणोपरांत देहदान का।
मरणोपरांत देहदान सबसे महान।
रविवार हो या कोई अवकाश
कोई त्यौहार हो या जन्मदिन
जयंती हो पुण्यतिथि हो
रक्तदान का शिविर लगाएं
सबसे आगे सबसे महान
आओ,पूजें उन लोगों को
जो करते हैं रक्तदान
जो कर गए देहदान
शरीर संरचना शिक्षा के खातिर
कर गए देहदान।
उनके नाम तो यहां गली गली
कूचे कूचे में भरे पड़े हैं।
मेरा इलाका दानी महादानी
किस-किस के मैं नाम बताऊं।
अलख जगाएं रक्तदान की
अलख जगाएं मरणोपरांत देहदान की।*
पत्रकार,
सूरतगढ़
9414381356.
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यह कविता आकाशवाणी के सूरतगढ़ केन्द्र से 2007-8 के करीब प्रसारित हुई थी।( मामूली सा संशोधन).
आपके आसपास के रक्तबैंक में रक्तदान करें। शिविर लगे उसमें रक्तदान करें। अन्य जन को भी प्रेरित करें।
- करणीदानसिंह राजपूत.
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