मंगलवार, 21 जुलाई 2020

* सूरतगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में बड़ों के अतिक्रमण,बाजारों की दुर्दशा, भयानक गंदगी से त्रस्त शहर*

* ईओ और बोर्ड जिम्मेदार*


* करणीदानसिंह राजपूत *


सूरतगढ़ शहर की 100 करोड़ से अधिक वार्षिक बजट की नगर पालिका की लापरवाही,अधिकारियों की सरकारी ड्यूटी की पालना में लापरवाही से शहर चमकने दमकने के बजाय गंदगी में धकेला जा रहा है।


नागरिकों के धरना प्रदर्शन और मांग पत्रों पर नगर पालिका अधिशासी अधिकारी और  निर्वाचित 45 सदस्यों का अध्यक्ष उपाध्यक्ष सहित बोर्ड  शहर की दुर्दशा के लिए कहीं ना कहीं जिम्मेदार हैं। 

पालिका अधिकारियों का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार अनदेखी कर्तव्य के प्रति लापरवाही गरीब को सताने और बड़े लखपतियों करोड़पतियों के ऊपर मेहरबानी से शहर पीड़ित है।


नगर पालिका का चुनाव हुआ बोर्ड कांग्रेस पार्टी का बना जिसके अध्यक्ष ने 2 दिसंबर 2019 को कार्य ग्रहण किया था। पूर्व विधायक गंगाजल मील और पिछले चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे हनुमान मील उस शपथ ग्रहण कार्यक्रम में वक्ता थे। शहर को

अति सुंदर बनाने की घोषणाएं हुई।



👌शहर के हालात पर नगर पालिका की ओर से विशेषकर सरकार का प्रतिनिधि अधिशासी अधिकारी प्रथम रूप से जिम्मेवार है। नगर पालिका का अतिक्रमण हटाओ दस्ता कच्ची बस्तियों में कार्यवाही के लिए जाता है। लेकिन जहां करोड़ों रुपए के अतिक्रमण बड़े लोगों के हैं वहां नगर पालिका प्रशासन को वे दिखाई नहीं देते। नगर पालिका के ईओ,सफाई निरीक्षक,अभियंता आदि जो सरकार से बड़ी-बड़ी तनख्वाह लेते हैं उनकी जिम्मेवारी है जो पूरी नहीं करते।


नगर पालिका एक तरफ तो गरीबों के कब्जे तोड़ने जाती है दूसरी और नगर पालिका प्रशासन ने नगर पालिका भवन के साथ में जनता के हित के लिए बनाए गए सार्वजनिक पार्क पर खुद का अतिक्रमण कर रखा है।

 

लाखों रुपए लगाकर सुंदर बनाए गए पार्क में नगर पालिका ने अपने वाहन खड़े कर रखे हैं या फिर टूट-फूट खराब वाहन वहां पड़े हैं। अनेक बार अखबारों में बाजारों में अवैध निर्माणों के फोटो सहित समाचार छपे। कचरा गंदगी निस्तारण स्थल चिन्हित है लेकिन शहर में ही एक वार्ड से उठाते हैं और दूसरे वार्ड में डाल देते हैं। 


नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी की जिम्मेदारी मांनते हुए मैंने एक पत्र अधिशासी अधिकारी को 13 मार्च 2020 को दिया था। उस पर तुरंत कार्यवाही होनी चाहिए थी लेकिन कार्यवाही नहीं हुई। उसके एक सप्ताह बाद कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन हो गया। लॉक डाउन की स्थिति में कार्य करने में कोई दिक्कत नहीं थी मगर कार्यवाही लॉकडाउन खुलने के बाद भी नहीं हुई।


नगर पालिका अधिशासी अधिकारी के द्वारा कार्यवाही नहीं होने पर एक पत्र अतिरिक्त जिला कलेक्टर सूरतगढ़ को 4 जून 2020 को दिया गया जिसके साथ नगर पालिका अधिशासी अधिकारी को 13 मार्च को दिए गए पत्र के 2 पृष्ठ भी साथ में लगाए गए। 

अतिरिक्त जिला कलेक्टर से आग्रह किया गया कि नगरपालिका कार्रवाई नहीं कर रही है आप संज्ञान लेकर अपने कार्यालय से कार्यवाही करवाएं ताकि शहर का भला हो सके।

बरसात में शहर की दुर्दशा सभी ने देखी। उपखंड कार्यालय के आगे कच्ची बस्तियों के गरीबों का धरना चल रहा है। 

आरोप है की उनको पालिका उजाड़ रही है और यह सब पूर्व विधायक की शह पर हो रहा है।००


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