आपके दर्शन रोजाना होते रहें.काव्य शब्द- करणीदानसिंह राजपूत
पूरी दुनिया चाहती रहे,
तुम्हें।
यह कामना है.
कुछ बोल भी दिया करो,
प्यार से,
हम से क्या गुस्सा है?
हम तो पुजारी हैं
और दर्शन को खड़े रहते हैं.
मौन हो सर्दी में तो
ईशारा ही कर दिया करो.
मैं चाहता हूं तुम्हें।
बात मानलो कि
पूरी दुनिया चाहती है तुम्हें।
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