मंगलवार, 21 नवंबर 2017

कोचिंग ले रही छात्रा ने फांसी लगाई- क्यों मरते हैं कोचिंग लेते बच्चे-जरूर पढ़ें

कोटा में बिहार की एक छात्रा ने  फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । यह छात्रा यहां मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही थी।

कोटा के कुन्हाड़ी पुलिस थाना क्षेत्र के एक हॉस्टल में रहकर मेडिकल की तैयारी कर रही बिहार के अमरापुरा गांव निवासी छात्रा मनीषा सिंह ने सोमवार   20.11.2017 रात को अपने कमरे में पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। पुलिस का कहना है कि फिलहाल आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चला,छात्रा का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला । 

पुलिस छात्रा के साथी अन्य  स्टूडेंट्स,हॉस्टल के कर्मचारियों एवं कोचिंग इंस्टीट्यूट के शिक्षकों से  पूछताछ कर रही है । पुलिस ने छात्रा की आत्महत्या  की सूचना परिजनों को दे दी है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि छात्रा कुन्हाडी क्षेत्र के संकल्प हॉस्टल में रहकर मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही थी,उसने यहां एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में भी प्रवेश ले रखा था । पुलिस के अनुसार सोमवार रात हॉस्टल में रह रही अन्य छात्राएं मनीषा को खाने के लिए बुलाने उसके कमरे पर पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था । इस पर छात्राओं ने दरवाजे को बजाया,लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला । छात्राओं ने हॉस्टल संचालक को सूचना दी और फिर पुलिस को सूचना दी गई । पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कमरे का दरवाजा तोड़ कर देखा तो मनीषा सिंह पंखे से लटकी हुई थी और उसके बेड एवं टेबल पर बिताबे बिखरी पड़ी थी । फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है ।

उल्लेखनीय है कि पिछले पांच वर्ष में कोटा में 70 स्टूडेंट्स आत्महत्या कर चुके हैं।

इनमें से अधिकांश स्टूडेंट्स की आत्महत्या का कारणा पढ़ाई का बोझ माना गया ।

इसे जरूर पढ़ें।

( आपके बच्चे कहीं भी किसी भी शहर में कोचिंग ले रहे हैं तो उन पर ध्यान दें। चाहे कोचिंग सेंटर,संचालक और शिक्षक कितने ही अच्छे और विख्यात हों। जो अधिक विख्यात होते हैं वहीं पढ़ाई का अधिक निर्मम दबाव दिया जाता है,जो बच्चे सहन नहीं कर पाते। अपने माता-पिता को बताते नहीं और मौत को गले लगा लेते हैं।कोचिंग वालों का कुछ भी नहीं बिगड़ता।)


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