तीन मासूम पुत्रों की हत्या-पिता के दूसरी औरत से संबंध-
पंचकूला जिले के मोरनी इलाके में सुबह तीन बच्चों के शव मिले। ये बच्चे कुरुक्षेत्र जिले के सारसा गांव के थे और पिछले कई दिनों से लापता थे। तीनों के शव मोरनी वन क्षेत्र में मिले हैं। 11वर्ष, आठ वर्ष और चार वर्ष के इन बच्चों की हत्या उनके पिता और चाचा ने की है। हत्या कर उन्होंने उनके शव मोरनी के जंगलों में फेंक दिया। दाेनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पिता का दूसरी महिला से था अवैध संबंध, उससे शादी के लिए बच्चों को रास्ते से हटाना चाहता था
आज 21.11.2017 सुबह मोरनी वन क्षेत्र में लाेगों ने तीन बच्चों के शव देखे तो क्षेत्र में सनसनी फैल गई। लोगों ने इस बारे में तुरंत पुलिस का सूचना दी। इसके बाद पुलिस वहां पहुंची। तीनों बच्चों की हत्या गाेली मार कर की गई थी। पुलिस ने तीनों शव अपने कब्जे में ले लिये।
पुलिस को सूचना मिली कि पंचकूला में मोरनी वन क्षेत्र में दो बच्चों के शव हैं। पुलिस ने शवों की पहचान होने पर कुरुक्षेत्र पुलिस को सूचना दी तो पता चला कि वे कुरूक्षेत्र के गांव सारसा से गायब हुए तीन बच्चों में से हैं। इसके बाद जंगल में छानबीन के बाद मंगलवार सुबह 11 बजे अंदर तीसरे बच्चे का शव भी मिल गया। परिवारजनों को तीनों बच्चों की हत्या के बारे में पता चलते ही उनमें कोहराम मच गया।
बच्चों के शव बरामद हुए तो तीनों बच्चों के पिता का फोन बंद आ रहा था। शक के आधार पर कुरुक्षेत्र पुलिस ने पिता सोनू मलिक से कड़ाई से पूछताछ की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। पता चला कि तीनों बच्चों की हत्या पिता सोनू मलिक व चाचा जगदीप मलिक ने की है। हत्या का कारण अवैध संबंध बताया जा रहा है। बताया जाता है कि सोनू मलिक का किसी अन्य महिला से संबंध है और उससे उसके बच्चे भी हैं।
बच्चों की पहचान 11 साल के समीर, आठ साल की सिमरन और चार साल के समर के रूप में हुई है। वे कुरुक्षेत्र के पिहोवा के नजदीक गांव सारसा से रविवार को गायब हुए थे। बच्चों के पिता का नाम सोनू मलिक और माता का नाम सुनीता है। मामले की सूचना मिलने के बाद पंचकूला पुलिस की टीम के साथ डीएसपी मनवीर सिंह और अन्य अन्य अधिकारी वहां पहुंचे। फोरेंसिक टीम भी जांच के लिए पहुंची। पुलिस के अनुसार बच्चों को गोली मारकर हत्या की गई।
इससे पहले रविवार को बच्चों के गायब होने के बाद पिता सोनू ने उनके अपहरण की आशंका जताई थी। सोनू सोनू द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया था कि यदि बच्चे मर्जी से गए होते तो किसी तरह वे संपर्क कर लेते। उसका कहना था कि बड़े बेटे समीर को परिजनों के सभी मोबाइल नंबर याद हैं। वह उनसे संपर्क जरूर करता।
परिवार को आशंका जताई थी कि घर से निकलने के बाद बच्चे किसी गिरोह या गलत आदमी के हाथ लग गए हों। दादा जीता राम ने बताया कि रविवार को एक रिश्तेदार के निधन पर शोक जताने गए थे। इसी बीच तीनों बच्चे घर से निकल गए। मां सुमन ने सोचा कि शायद बच्चे आस पड़ोस में खेलने गए होंगे, लेकिन जब देर शाम तक बच्चे नहीं लौटे तो उनकी चिंता बढ़ गई।
बच्चों का पिता सोनू कैथल में फोटो स्टूडियो की दुकान चलाता रहा था। रविवार को गांव सारसा से तीनों बच्चे कुरुक्षेत्र के धन्ना भगत स्कूल में पढ़ते थे| पता चला कि किसी ने उन्हें सारसा के साथ लगते गांव पिंडारसी के रेलवे स्टेशन की तरफ जाते देखा था।
बच्चों की हत्या की जानकारी मिलने के बाद दादा जीता मलिक और अन्य परिजन मोरनी पहुंचे। दादा ने कहा कि बच्चों की हत्या सोनू और उसके चचेरे भाई जगदीप ने की है। सोनू ने अपने चचेरे भाई के साथ मिलकर पूरी वारदात को अंजाम दिया है। दादा का कहना है कि सोनू का एक महिला के साथ अवैध संबंध है। इसी कारण उसने यह तीनों मासूमों की जान ले ली। सोनू ही तीनों बच्चों को चचेरे भाई के साथ लेकर गायब हुआ था।
मां सुनीता को पता नहीं है कि उसके तीनों बच्चे अब इस दुनिया में नहीं हैं। उसे यही बताया गया है कि बच्चे पंचकुला में मिले हैं। पिता के अवैध संबंधों की परिजनों को पहले से जानकारी थी। बच्चों के मामा गुलाब सिंह ने बताया कि उसने पहले भी सोनू मलिक को चेतावनी थी।
गुलाब सिंह ने कहा कि उन्हें इस तरह की घटना की उम्मीद नहीं थी। सोनू ने अपने चचेरे भाई जगदीप के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया है। उन्हें गांव के कुछ अन्य युवकों पर भी इस हत्याकांड में शामिल होने का शक है। इस घटना के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल है।
पंचकूला 21.11.2017.