- करणीदानसिंह राजपूत -
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में नगरपालिका सूरतगढ़ के मुकद्दमें व जाँचें सर्वाधिक हैं और जब भी कोई मुकद्दमा व जाँच नई दर्ज होती है तब कहा जाता है कि यह तो कैंसर लग गया है और अब इससे जान ही जाएगी। इससे बचने की कोई दवा अभी तक नहीं बनी। लेकिन सच्च एकदम उल्टा है। कैंसर की दवा बनती जा रही है और ईलाज भी संभव हो जाता है लेकिन सच्च में भ्रष्टाचार के आरोप में दर्ज भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का मुकद्दमा शिकंजे में कस कर मार ही डालता है। इससे बचने का कोई ईलाज नहीं है कोई दवा नहीं है।
असल में मुकद्दमा कैंसर नहीं है। कैंसर भ्रष्टाचार घोटाला है जिसे लोग खुद अपने गले लगाते हैं और जब यह बदन को घेरे में ले लेता है तब छटपटाते हैं।
नगरपालिका सूरतगढ़ के अध्यक्ष श्रीमती काजल छाबड़ा पर पहला मामला ब्यूरो में जाँच के लिए दर्ज हुआ है और कितनी ही शिकायतें और हैं। जब जब घोटाला भ्रष्टाचार हुआ तब तब अनेक समाचार अखबारों में छपते रहे लेकिन उन पर गौर नहीं किया गया। अखबार वालों को ही झुठला देने का प्रयास किया जाता रहा। घोटाले करने वालों द्वारा और उनके चापलूसों द्वारा खबरों को ही झूठा बताने की कोशिशें होती रही है।
सत्ताधारी नेताओं की ओर से भी बचाव के रूख रहते हैं लेकिन ये प्रकरण सालों तक चलते हैं और राज बदल जाते हैं। बड़े दुखदाई होते हैं।
लोग कहते हैं कि कुछ भी नहीं होगा। लेकिन होता है और उसका प्रमाण रहा है ईओ मदनसिंह बुडानिया का गिरफ्तार होना।
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