दुबारा बिक्री नहीं वाले 601 थैले कालाबाजारी के होने का आरोप:
टंडन की पत्नी भाजपा की पार्षद है: पहले टंडन खुद पार्षद था:
सूरतगढ़,3 जून।
राजेश सेतिया ने 2 जून को पुलिस में लिखित में एक शिकायत की जिसमें आरोप लगाया गया था कि चोरी से लाई गई सीमेंट वार्ड नं 9 के गोदाम में रखी हुई है तथा उसका इस्तेमाल नगरपालिका के निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है। इसके बाद जिला पुलिस कार्यालय में भी शिकायत की जाने की खबर आई और हडकंप मचा।
सिटी पुलिस ने संबंधित स्थान पर छापा मारा। छापे में मालूम पड़ा कि उक्त दुकान हनुमान सोनी की है। उससे पूछा गया तो उसने बताया कि पूर्व पार्षद चरणजीतसिंह टंडन को किराए पर दी हुई है। पुलिस ने टंडन को तलब किया और ताला खुलवाया।
उस दुकान में 601 श्री सीमेंट के रॉक स्ट्रांग मार्का सीमेंट से भरे थैले मिले। उन पर लिखा हुआ था कि दुबारा बिक्री के लिए नहीं।
टंडन से इनके कागजात मांगे गए तब उसने असली के बजाय फोटो स्टेट बिल दिए जो किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर जारी किए हुए थे। टंडन ने पुलिस को जो कागजात दिए वे सुरेन्द्र कुमार बंसल श्रीगंगानगर निवासी के थे और 15 मई को श्री सीमेंट से थर्मल को जाने के लिए थे।
पुलिस ने सुरेन्द्र कुमार बंसल को तलब किया है और आगे की जाँच उसके आने पर खुलेगी।
पुलिस ने इन थैलों को अभी सीआरपीसी की धारा में जब्त किया है।
पालिका के निर्माण कार्य पर कितनी सीमेंट लगाई जा चुकी है यह भी जाँच का विषय है।
इस फर्म ने पहले भी जो निर्माण कार्य किए हैं उनकी सीमेंट कहां से खरीदी जाती रही हैï?
पालिका में पार्षदों पर अन्य नामों से ठेकेदारी करने के आरोप
नगरपालिका में बैठकों में व बाहर बार बार आरोप लगते रहे हैं कि कुछ पार्षद अन्य नामों की फर्मों से या अपने रिश्तेदारों की फर्मों के नाम से ठेकेदारी करते हैं। इसकी पुष्टि इससे होती है कि वे पार्षद व पूर्व पार्षद नगरपालिका में हर समय जमे हुए देखे जा सकते हैं तथा काम पर भी देखे जा सकते हैं।
चरणजीतसिंह टंडन पहले खुद पार्षद था और मील के साथ था लेकिन बाद में पाला बदला और राजेन्द्र भादू के पाले में घुस गया व भाजपा की सदस्यता ग्रहण करली।
वर्तमान में इनकी पत्नी भाजपा से पार्षद है। पालिका के नियमों में पार्षद का कोई रिश्तेदार संबंधित नगरपालिका में ठेकेदारी नहीं कर सकता। चरणजीतसिंह टंडन को नगरपालिका में लगभग देखा जा सकता है।
भाजपा के विधायक राजेन्द्र भादू ने भ्रष्टाचारियों को चेतावनी दे रखी है।
भाजपा की पालिकाध्यक्ष श्रीमती काजल छाबड़ा के बड़े बड़े बोर्ड नगर में लगे हें जिनमें भ्रष्टाचार मुक्त पालिका की घोषणा की हुई है।
दिल्ली की भाजपा सरकार व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन का राग अलाप रहे हैं। नगरपालिका में जम कर भ्रष्टाचार होने का आरोप बार बार लगता रहता है। सीमेंट की सही जांच से असलियत सामने आ पाएगी।
श्री सीमेंट ठेकेदारों को कैसे देती है और कितनी सीमेंट सीधे देती है?
श्री सीमेंट के कारखाने से सीधे ठेकदार को सीमेंट थैले देने का कोई आधार बनाया हुआ होगा?
ठेकेदार को असल में निर्माण कार्य पर कितनी सीमेंट दी जानी चाहिए।
क्या सीमेंट अधिक दी जाती है जो बाजार में जाती है? किस दर पर दी जाती है? कारण कि ठेकेदार को जितनी अधिक सीमेंट सस्ते रेट पर दी जाती है। वह सरकार के राजस्व को घाटा होता है।
असल में यह घोटाला इतने ही सीमेंट थैलों का नहीं है।
यह महा घोटाला है जो व्यापक जाँच से खुलेगा और बड़े लोग लपेट में आ पाऐंगे।
बिक्री कर विभाग को भी हुई है शिकायत और वह भी व्यापक जाँच करे तो श्री सीमेंट से हटेगा परदा