शनिवार, 20 अगस्त 2011

माँ बाप का साथ निभाती है बेटियां, नसीब बुलंद हैं उनके, जिनके होती है बेटियां- छात्रा टीना

अल्ट्रा साऊंड मशीन का दुरूपयोग रोका जाने के लिए सख्त कानून बनाया जाए-छात्रा करणजीत कौर
गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति की विराट हर्ष कान्वेंट सी.सै.स्कूल में 
गर्भस्थ शिशु संरक्षण पर एक विचार गोष्ठी
करणीदानसिंह राजपूत
सूरतगढ़, 20 अगस्त। गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति की ओर से 17 अगस्त 2011 को विराट हर्ष कान्वेंट सी.सै.स्कूल में गर्भस्थ शिशु संरक्षण पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
    छात्रा करणजीत कौर ने कहा कि अल्ट्रा साऊंड मशीन का दुरूपयोग किया जाने से गर्भ में पल रही कन्याओं को मार डालने का सिलसिला चल रहा है। इसके उपयोग के लिए कोई सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है। छात्रा टीना ने कविता के माध्यम से अपने विचार प्रगट किए। माँ बाप का साथ निभाती है बेटियां, नसीब बुलंद हैं उनके, जिनके होती है बेटियां,छात्रा सुचित्रा ने कहा कि कन्याओं की भ्रूण हत्या समाज में सबसे घृणित कार्य है। छात्र गौतम ने कहा कि सरकार की समाज की अपीलों को अधिक से अधिक प्रचारित किया जाना चाहिए कि कन्याओं की हत्या किया जाना बंद किया जाए। अभिषेक टाक ने कहा कि शहरी क्षेत्र में शिक्षा अधिक होते हुए भी कन्या भ्रूण हत्या का अपराध सर्वाधिक हो रहा है। छात्रा सिमरन ने कहा कि देवी की पूजा करने वाले समाज में कन्याओं की हत्या क्यों की जा रही है? छात्रा मानवी ने अंग्रेजी माध्यम में सेव गल्र्स सेव फ्यूचर की बात कही। छात्रा प्रियांशी ने भी कन्या भ्रूण हत्या रोकने पर जोर दिया।
    व्याख्याता कुसुम सिंवाल ने कहा कि कन्या के मामले में समाज को और अधिक शिक्षित करने की आवश्यकता है। व्याख्याता जितेन्द्र सारस्वत ने कहा कि देश भर में लिंगानुपात बढ़ता ही जा रहा है जो चिंताजनक है। व्याख्याता राहुल ने कहा कि वक्तव्य दिया व विद्यार्थियों को संकल्प दिलवाया कि वे  भ्रूण हत्या रोकने में मदद करेंगे।
    गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति के अध्यक्ष परसराम भाटिया, राजस्थानी साहित्यकार मनोज स्वामी,प्रयागचंद अग्रवाल ने गर्भ में भ्रूण संरक्षण पर विचार प्रगट किए। प्राचार्य अनिल धानुका ने कहा कि यह गोष्ठी सार्थक रही है। मंच संचालन व्याख्याता संदीप मुंजाल ने किया। रिपोर्ट 17 अगस्त 2011
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