शुक्रवार, 3 अक्टूबर 2025

राजनीति में लोगों के बीच नहीं रहने और काम नहीं कराने वाले नवनेता.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

राजस्थान में पिछले विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 से स्थिति एकदम साफ हो गई कि पब्लिक अपने बीच रहने वाले को चुनती है और पार्टी का टिकट हो तब भी बुरी तरह से हरा भी सकती है। पार्टी की टिकट होना जीत की गारंटी नहीं चाहे वह भाजपा जैसी मजबूत पार्टी की भी हो। पार्टी भी टिकट उसी को देती है जो लोगों में अच्छा संपर्क रखने वाला हो,जनता के बीच रहने वाला हो। एकदम नया होगा तो वह न टिकट ले सकता है न कोई पद ले सकता है। कौन है? हम तो जानते नहीं। कभी देखा नहीं। ये शब्द खतरनाक होते हैं और हार का उद्घोष पहले ही कर देते हैं। चुनाव लड़ने की ईच्छा वालों को पब्लिक के बीच हर दुख दर्द में समस्याओं में खड़ा रहना उठना बैठना प्रथम है। अगर इस स्थिति में कोई किंतु परंतु है और पब्लिक में रहने से कतराते हैं तो वह जनता का नहीं कहलाता। यह बड़ी कमी है जो लगातार पीछे धकेलती है और कुछ भी मिल नहीं पाता। फसल चाहिए तो उचित समय में भूमि की तैयारी  और बीज उगाना पड़ता है। भूमि ही तैयार नहीं हो तो बीज उगाना असंभव। भूमि ही बीज को स्वीकार नहीं करती। यही स्थिति राजनीति की है  पब्लिक के बीच रहना मतलब अच्छी फसल के लिए भूमि की तैयारी करना। अब राजनीति में अचानक प्रगट होना आसान नहीं, असंभव है।

3 अक्टूबर 2025.०0०





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