मंगलवार, 30 सितंबर 2025

सूरतगढ़:जनता के काम से भाजपा दूर. खिसकता वोटबैंक.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

विधानसभा चुनाव 2023 में सूरतगढ़ सीट पर बुरी तरह से हारने के बाद सचेत होने के बजाय लापरवाही नीतियों से हालात और बिगड़ रहे हैं जिनका असर सूरतगढ़ के नगरपालिका और पंचायत समिति चुनाव पर पड़ेगा। विधानसभा चुनाव में भाजपा का बड़ा वोट बैंक खिसक गया। मूल ओबीसी और अनुसूचित जाति के वोटरों ने कांग्रेस के डुंगरराम गेदर का साथ दिया। भाजपा के रामप्रताप कासनिया को बहुत बुरी हार मिली। चूंकि राजकाज यहां पराजित रामप्रताप कासनिया उनके बेटे संदीप कासनिया  चला रहे हैं। रामप्रताप कासनिया की डिजायर चलती है। जनता को हार के बाद खुश रखने का बदलाव लाया जाना चाहिए था लेकिन शिक्षकों के दूर बहुत दूर स्थानांतरण किए जाने और सेवा शिविरों में जनता के काम नहीं होने से लोगों का बचाखुचा मोह भी भंग हो गया है। अध्यापकों के स्थानांतरण में अनुसूचित जाति के शिक्षकों को दूर फेंका गया है। यह आरोप व्यापक चर्चा में है कि चुन चुन कर स्थानांतरण करवाया गया है। भाजपा की ओर से इन चर्चाओं को खंडन करने का प्रयास नहीं हो रहा। यह खंडन या स्पष्टीकरण तो यहां के नेता रामप्रताप कासनिया कर सकते हैं या जिलाध्यक्ष शरणपालसिंह कर सकते हैं। भाजपा में गुटबाजी है और रामप्रताप कासनिया से नाराजगी है तथा बेटे संदीप कासनिया का चेहरा ही पसंद नहीं करते। अब ऐसे बिगड़ते जा रहे हालात में आगे आने वाले

नगरपालिका और पंचायत समिति चुनाव में भाजपा की जीत की कोई उम्मीद नहीं है। वैसे भी भाजपा के नेता नेतियां पब्लिक वर्क नहीं कर रहे हैं। सभी का काम अपने चेहरों को सोशल मीडिया पर दिखाने का चल रहा है। जनता के काम क्या करवाएं सही हालत यह है कि किस विभाग में कैसे काम होता है और कैसे काम करवाया जाता है की जानकारी ही नहीं है।30 सितंबर 2025. ०0०





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