सोमवार, 22 सितंबर 2025

जीता हुआ जीरो.हारा हुआ हीरो.बेचारे नेता नेतियां.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

एक पुरानी कहावत है' जीवित हाथी लाख का, मरा हुआ हाथी सवा लाख का। वर्षों पहले यह कहावत चली तो उसके पीछे कोई मजबूत कारण रहा होगा। इस कहावत को राजनीति में देखें। चुना हुआ यानि जीता हुआ यानि चुना हुआ विधायक जीरो और चुनाव हारा हुआ हीरो।   सूरतगढ़ विधानसभा सीट पर रामप्रताप कासनिया हारे और बुरी तरह से हारे लेकिन सरकार ने उनको हीरो बना दिया। राजस्थान की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बयान ने यह अहसास कराया। उन्होंने कहा जीता हुआ हमारा और हारा हुआ भी हमारा। जहां चुनाव हार गये वहां हमारे हारे हुए प्रतिनिधि की चलेगी। यानि कि हारे हुए प्रतिनिधि के कहने पर दिशा निर्देश पर काम होंगे। 

* सन् 2023 के विधानसभा चुनाव में सूरतगढ़ सीट पर कांग्रेस के डुंगरराम गेदर जीते विधायक चुने गए मगर यहां हारे हुए रामप्रताप कासनिया की चलती है। रामप्रताप कासनिया के बेटे संदीप कासनिया की भी चलती है। संदीप के पास पार्टी में कोई पद भी नहीं है लेकिन वह जो चाहे होता है। नगरपालिका हो चाहे पुलिस थाने हो। भाजपा के बाकी नेता नेतियां ठगे से हैं जो एक तिनका इधर उधर नहीं करवा सकते। भाजपा नेता नेतियों के मार्फत कोई काम करवाना चाहता है तो काम होता नहीं बीच में लटक जाता है। भाजपा नेताओं नेतियों की हालत ऐसी हो वहां डुंगरराम की राजनैतिक हालात शून्य से आगे एक भी नहीं हो सकी। शायद इस कारण से डुंगरराम की तरफ से विभागों में नगरपालिका में कोई पत्र आदि नहीं जाते। डुंगरराम गेदर तो कह सकते हैं कि वे कांग्रेस के हैं और सरकार भाजपा की है सो उनकी चलती नहीं। लेकिन भाजपा के नेता नेतियां जो कासनिया के साथ नहीं दूसरे खेमे में हैं वे कैसे कहें कि उनकी चलती नहीं है। नगरपालिका सबसे छोटा दफ्तर माना जाता है। वहां सत्ताधारी पार्टी भाजपा के संगठन पदाधिकारियों की नहीं चलती। 

 काम तो मरे हाथी के यहां से ही होना है सो लैटरहैड भी छपवा कर क्या करें,किसी को लिखने पर काम तो होना नहीं है। 

 संगठन पदों में बहुत ताकत होती है लेकिन सूरतगढ़ में नगरमंडल अध्यक्ष से जिलाध्यक्ष तक के हाथों में शिथिलता है।०0०


22 सितंबर 2025.शारदीय नवरात्र प्रारंभ दिवस. 


करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकार ( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत आजीवन)

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356.





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