मंगलवार, 8 अप्रैल 2025

राजनीति में कार्यों की समीक्षा और आलोचना भी होगी!

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

राजनीति में रहने वाले चाहे नेता सत्ता में हों या सत्ता से बाहर हों, उनके हर कार्य के गुणावगुण,मेहनत, सफलता असफलता की चर्चा होगी, समीक्षा,आलोचना और किसी कार्य की निकम्मे पन की निन्दा भी होगी।

* राजनीति में जो जनता के बीच रहते हैं वे आलोचना की परवाह नहीं करते। उनका काम बोलता है चाहे सफलता नहीं मिले लेकिन सराहना जरूर होती है।

* राजनीति में सत्ता और पद प्राप्ति प्रमुख लक्ष्य होते हैं। इसमें लक्ष्य की प्राप्ति ईमानदारी से मिले या बेईमानी से छल कपट झूठ से लोगों को मूर्ख समझते हड़पी जाए। व्यक्ति स्वयं को कितना भी बुद्धिमान समझे प्रचारित करे लेकिन ईमानदारी और शार्ट कट को लोग समझते तो हैं।

* झूठ की भीड़ तेजी से जुटती है लेकिन दुगुनी तेजी से दूर भी हट जाती है। दो चार लोग जो साथ में रह जाते हैं उनके पास कोई काम नहीं होता, उनको चम्मचे कड़छे ही कहा जाता है।

* राजनीति में कार्य करने वाले नेताओं को अपने कार्यों की समीक्षा स्वयं करते रहना चाहिए कि जिन कार्यों में सफलत मिली उनमें क्या पद्धति रही और जिनमें सफलता नहीं मिली उनमें क्या पद्धति रही थी।

* किसी बड़े नेता की हाजिरी भर कर आगे बढने की सोच से कार्य करें तो यह देखलें समझलें कि उस पंक्ति में कितने ही लोग पहले से खड़े हैं। 

* जहां तक मेरे विचार हैं ईमानदारी और कार्य करके आगे बढने का लाभ स्थाई होता है।०0०

8 अप्रैल 2025.

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकार ( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत)

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356.

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यह लेख अच्छा लगे तो प्रकाशित करें। अन्य भाषाओं में अनुवाद भी कर सकते हैं। करणीदानसिंह राजपूत.

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