शुक्रवार, 18 अप्रैल 2025

सूरतगढ़ भाजपा में राजनैतिक मुर्दानगी:मोदी का पुतला जलने पर भी कोई जिंदा नहीं दिखा.

 


* करणीदानसिंह राजपूत *

काग्रेसियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए उनका पुतला फूंका लेकिन सूरतगढ़ भाजपा नेताओं कार्यकर्ताओं में किसी में 'अणख' नहीं जागी। सभी में ऐसी राजनैतिक मुर्दानगी कि कोई आवाज तक नहीं। कोई जिंदा नहीं, कोई शेर शेरनी नहीं।

👌 पुतला फूंकने का आह्वान कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष परसराम भाटिया ने किया जिन पर नगरपालिका अध्यक्ष काल में किए अनेक भ्रष्टाचार के दस्तावेजी सबूतों सहित आरोप हैं। ये आरोप छप रहे हैं लेकिन भाजपा नगर मंडल से जिलाध्यक्ष तक और अन्य नेताओं की ओर से सरकार को कहीं शिकायत नहीं,मुकदमा नहीं। नगरमंडल अध्यक्ष गौरव बलाना है। जिलाध्यक्ष शरणपालसिंह मान तो दूसरी बार बने हैं।

👌 नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर ईडी की चार्ज शीट पर कांग्रेसियों में गुस्सा है और वे मोदी के मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए मोदी का पुतला फूंक देते हैं। लेकिन मोदी के पुतला फूंकने मुर्दाबाद के नारों पर भाजपा के किसी भी नेता कार्यकर्ता में गुस्सा नहीं आता। ये हालात ही पार्टी में नेताओं में राजनैतिक मुर्दानगी होने न होने का साबित करते हैं। 

* भाजपा के शेर शेरनी नेताओं द्वारा शिकायत मुकदमें उस कांग्रेसी पर नहीं किए जा रहे जो भ्रष्टाचार के अनेक आरोपों में फंसा है। वे आरोप  सूरतगढ का एक साप्ताहिक'ब्लास्ट की आवाज' लगातार प्रमाणों सहित प्रकाशित कर रहा है। इस पर भी भाजपा नेताओं का मुर्दापन खत्म नहीं होता। जब मोदी के मुर्दाबाद के नारों पर उनका पुतला जलाने पर भी कोई जिंदा साबित नहीं हो रहा तब आगे क्या होने वाला है यह अनुमान लगाया जाना आसान है। 

* पूर्व राज्यमंत्री रामप्रताप कासनिया के पास सूरतगढ़ की बागडोर है लेकिन वे भी परसराम भाटिया के नगरपालिका अध्यक्ष काल के भ्रष्टाचारों पर चुप हैं और सरकार के पास एक शिकायत तक नहीं है। पूर्व विधायक अशोक नागपाल भी परसराम भाटिया से दोस्ती निभा रहे हैं चाहे कमल के फूल को चोट लगती रहे। नगरपालिका में अध्यक्ष रहे आरती शर्मा, ओमप्रकाश कालवा, काजल छाबड़ा, जगदीश मेघवाल आदि भी चुप हैं कि इनको कोई लेना देना नहीं है।

भाजपा के  अन्य संगठन नेता भी शिकायत करने और प्रदेश तक सही हालात पहुंचाने से दूर हैं। 

* भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और संगठन को जान लेना चाहिए कि राजनैतिक मुर्दे नेताओं और कार्यकर्ताओं को ढोते रहने का भाजपा को बहुत नुकसान है। दि.18 अप्रैल 2025.

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