* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 13 अक्टूबर 2024.
सूरतगढ़ को कचरे के ढेर और गंदगी में बदलने का यह निकम्मापन किन लोगों का है, किन की गलती है जो आम जनता इस गंदगी से परेशान और बीमार हो रही है। सबसे बड़ी गलती तो जनता के नुमांइदगी करने वालों की है जो देख कर भी अनजान बने हैं।
👍 पूरे शहर से नगर पालिका ने कचरा पात्र हटा दिए और अब कचरा पात्र रखने बंद कर दिए हैं। इस कारण से घरों और दुकानों का कचरा सड़कों और गलियों में फेंका जाता है, जो हवा के साथ उड़ता हुआ दूर-दूर तक फैल जाता है। कचरा पात्र टूटने के बाद दूसरे लगाए जाने थे लेकिन नगर पालिका प्रशासन ने इस और ध्यान नहीं दिया। यहां तक की जिनकी निरीक्षण की जिम्मेदारी है उन्होंने कभी शहर का निरीक्षण भी नहीं किया। बहुत कुछ लिखे जाने पर फोटो विडिओ लगाने पर भी जनता की ओर से कभी आवाज नहीं उठी। कोई नेता नहीं बोला। हालत बिगड़ने रहे और अब अवकाश के दिनों में विशेष कर रविवार को भयानक गंदगी और कचरे के ढेर सड़कों पर मोहल्ला में स्वच्छता अभियान का सरकार के नारे का मुंह चिढ़ाते नजर आते हैं।
👍 नगर पालिका में 45 वार्डों में जो पार्षद जनता ने चुने उनकी और अधिशासी अधिकारी पद पर बैठे अधिकारी की शहर को साफ सुथरा रखने की जिम्मेदारी होती है लेकिन यहां तो सभी का निकम्मापन साबित हो रहा है।
* सूरतगढ़ की सूरत बिगाड़ कर रख दी गई है। रविवार को भयानक गंदगी हर ओर सड़कों पर नजर आती है।
** नगर पालिका ने पल्ला झाड़ लिया है कि दुकानदार अपनी दुकानों में कचरा पात्र रखें नगर पालिका का कचरा वाहन वहां आए तो उसमें कचरा डाल दें, लेकिन कचरा वाहन आने का कोई समय निर्धारित नहीं है। दुकानों के अंदर कचरा पात्र रखे हुए भी नहीं हैं। नगर पालिका की जिम्मेदारी है दुकानों का निरीक्षण करने की और सड़कों पर कचरा डालने से रोकने की। कोई मनमानी करे नियम नहीं माने तब उससे जुर्माना वसूल करने की जिम्मेदारी है। नगरपालिका की उदासीनता के कारण दुकानदार सारे दिन पैकिंग का कचरा प्लास्टिक रस्सियां फीते आदि और निर्माण की टूटफूट मलबा सड़कों पर फेंकते रहते हैं।०0०
******