नये जिले जीवन मृत्यु के बीच कृत्रिम सांसों पर.
* करणीदानसिंह राजपूत *
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस की सरकार के जाने के पूर्व समाचारों के बीच, कांग्रेस को किसी तरह से फिर से सत्ता में लाने के लिए अभियान चलाए और नये जिले बनाने की घोषणा की। एकदम से 19 जिले बनाने की घोषणा सभी के लिए आश्चर्य जनक थी। उस समय यह सवाल प्रदेश की राजनीति में उठ गया था कि नयी सरकार रखेगी, खत्म करेगी या बदलाव करेगी।
* घोषित जिलों के जिला कलेक्टरों के पास न काम है न बजट है। पुराने जिलों के जिलाकलेक्टरों के माध्यम से काम कराए जा रहे हैं और कोई भुगतान करना हो तो वह भी पुराने जिलों से ही करवाया जा रहा है।
* नये जिलों में नियुक्त स्टाफ कर्मचारियों का वेतन पिछले नियुक्ति स्थान से ही ओन लाईन हो रहा है।
* राजस्थान की भाजपा सरकार नये जिलों की समीक्षा के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त अधिकारी ललित के पंवार की अध्यक्षता में समिति बना चुकी है।
👍 ललित के. पंवार ने 3 जुलाई 2024 को फोन वार्ता में बताया था कि समीक्षा के लिए हर जिले में भ्रमण होगा। इस समिति की रिपोर्ट से पहले नये जिलों में काम और बजट मिलने की संभावना नहीं लगती। भाजपा सरकार नये जिलों को खत्म करेंगी या कुछ जिले खत्म करेगी? समीक्षा रिपोर्ट इस निर्णय के लिए आधार होगी।
9 अगस्त 2024.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार ( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ ( राजस्थान )
94143 81356
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