रविवार, 12 मई 2024

कुर्सी पर कौन बैठेगा?कालवा या और?भूकंप-भाटिया का पंप पट्टा कांड

 

* करणीदानसिंह राजपूत  *

सूरतगढ़ 12 मई 2024.

राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा ओमप्रकाश कालवा के सस्पेंशन के बाद पद पर बहाल किए जाने के आदेश को 10 मई को  स्थगित करने के बाद जनता के दिमागी घोड़े दौड़ रहे हैं कि चैयरमैन की कुर्सी पर कौन बैठेगा? इसी बीच नगरपालिका के पंप की भूमि का परसराम भाटिया का  एक पट्टा कांड का भूकंप आ गया। अभी दोनों की चर्चा हो रही है।

लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता खत्म होने के बाद नगरपालिका में अध्यक्ष नियुक्ति से पहले ही ओमप्रकाश कालवा की डबल बैंच में अपील दाखिल होने की संभावना अधिक है। 

👍 कालवा ने बातचीत में कहा कि कानूनी सलाह के बाद शीघ्र ही अपील की जाएगी। कालवा ने कहा कि सीवरेज के मामले में उनको टारगेट बनाया हुआ है क्योंकि वे पद पर मौजूदा थे सो पद निशाने पर रहा। कालवा ने  कहा पूर्व पालिका अध्यक्ष बनवारीलाल पर्दे के पीछे खेल कर रहा है जबकि सीवरेज घोटाला बनवारीलाल लाल के अध्यक्षता काल में शुरू हुआ और उनके समय की सीवरेज कहां है और क्या उपयोग हो रही है? इसको कोई देखना नहीं चाहता लेकिन कभी जांच बनवारी काल से ही शुरु होगी।


 ((कालवा ने पहले एक पत्रकार वार्ता में भी बनवारीलाल पर सीवरेज निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। उक्त वार्ता नगरपालिका चेयरमैन कक्ष में हुई थी। 

*बनवारीलाल के बाद असल में तो काजल छाबड़ा के अध्यक्षता काल में ही चर्चित घोटाला हुआ और आरोप भी लगे।अखबारों में भी छपे। विधायक रामप्रताप कासनिया ने विधानसभा में जुलाई 2019 में यह मामला उठाया। कासनिया ने एक पत्रकार वार्ता में इसका बड़ा खुलासा भी किया। (कासनिया ने कहा कि इस मामले में वे एसीबी के अधिकारी दीनेश एन.एम.से मिले। अधिकारी ने तब कहा कि यह तो प्रमाणित ही है और इसमें तो पनिशमेंट( सजा) निश्चित है। कासनिया ने कहा कि लुगाई ( काजल छाबड़ा) मर (फंस)जाएगी यह सोच कर एसीबी को नहीं दे पाए। कासनिया के विधानसभा में सीवरेज घोटाले पर बोलने के महीनों बाद निर्वाचित होकर 2 दिसंबर 2019 को कालवा पद पर आए।

* काजल के समय फर्जी दस्तावेज से घोटाला करने का मालुम हो गया और पेमेंट रोक लिया लेकिन फर्जी डोक्युमेंट आदि पर कार्यवाही दबा कर रखदी गई।

*15 मार्च 2020 को वह रोका हुआ पेमेंट रोकने वाले अधिकारी ने भुगतान करने की स्वीकृति देदी और भुगतान हो गया। जिसमें कालवा का अध्यक्ष काल था।यह विवरण पहले अनेक बार आ चुका है।-ले०))


* कालवा ने बातचीत में कहा कि बहाली आदेश को स्थगित किए जाने के आदेश पर डबल बैंच के समक्ष अपील की जाएगी। न्याय मिलेगा और परिणाम भी आएगा। कालवा ने परसराम भाटिया काल में पालिका के पंप की भूमि का पट्टा बनाने पर टिप्पणी की कि भाटिया के अनेक पट्टे हैं,जांच में जांच में खेल ओपन हो जाएंगे।


(👍लोकसभा चुनाव परिणाम 4 जून को घोषित होंगे और उसके बाद आचार संहिता हटेगी। ये दिन अनुमानित 25 से अधिक हो सकते हैं।इसके बाद ही कोई कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त हो सकेगा। यदि ऐसा होता है तो भाजपा का ही होगा और उसमें पूर्व विधायक रामप्रताप कासनिया की सिफारिश ही चलेगी।)


* कालवा के सस्पेंशन से बहाल किए जाने के आदेश 19 फरवरी 2024 को राजस्थान उच्च न्यायालय ने 10 मई को स्थगित करते हुए आगामी तारीख 2 अगस्त 2024 दी थी। 

बहाली आदेश को परसराम भाटिया सहित 4 पार्षदों ने चुनौती दी थी।उच्च न्यायालय के  निर्णय के विरुद्ध कालवा ने डबल बैंच में अपील की घोषणा की थी जिसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसी बीच अचानक भूकंप आया।  * परसराम भाटिया के अध्यक्षता काल में नगरपालिका के पंप हाऊस भूमि का पट्टा मोनिका पत्नी राजेश कुमार के नाम बनाए जाने का मामला गर्माया है। इस पर परसराम भाटिया के विरुद्ध भी कानूनी कार्यवाही करवाने की मांग की तैयारी चल रही है। वर्तमान अधिशासी अधिकारी पूजा शर्मा को मालुम हो जाने के बावजूद उनकी ओर से अधिकारिक रूप में कोई कार्यवाही नहीं होना भी गंभीर है जबकि पद की जिम्मेदारी सरकार को तुरंत सूचना देने की तो है।

* सोमवार 13 मई को  इस पट्टा कांड पर शिकायतें  भी होने की तैयारियां चल रही है। शनिवार रविवार को कालवा समर्थक कुछ पार्षद इसकी तैयारियां में थे। * कांग्रेस राज में ओमप्रकाश कालवा के सस्पेंशन  काल में परसराम भाटिया को दो बार में  कुल 120 दिन के लिए 24 जुलाई 2023 को अध्यक्ष नियुक्त किया उक्त अवधि 25 नवंबर को पूरी हुई थी। आरोप है कि इस काल अवधि में परसराम ने राठी स्कूल के पास के बाईपास वाले नगरपालिका के  पंप हाऊस  की सड़क किनारे की कीमती जमीन का पट्टा बना दिया। परसराम भाटिया के द्वारा कुछ और पट्टों पर भी आरोप लग रहे हैं। 

👍 नगरपालिका का यह बोर्ड काल राजनीति भ्रष्टाचार के एक दूसरे पर आरोप और शिकायतों में फंसा रहा। लोकसभा चुनाव आचार संहिता हटने के बाद करीब 4 महीने का ही समय मिल पाएगा। उक्त समय में क्या हो पाएगा और कौन अध्यक्षता करेगा? यह कुछ दिनों में स्पष्ट हो पाएगा।

आरोप प्रत्यारोप और कानूनी दावपेंच में ही राजनीति करने वाले नगरपालिका में ही उलझे रहेंगे। शहर के मुद्दे समस्याएं आदि पर कोई काम होने की आशा उम्मीद दिखाई नहीं दे रही।ऐसे हालात हैं।

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