मंगलवार, 23 अप्रैल 2024

विदेशों में जमा कालाधन मोदीजी क्यों नहीं लाए?तीसरी बार बड़ा है खतरा

 

*आम चुनाव में कामचलाऊ प्रधानमंत्री की गारंटी भी रहस्य भरी*

* करणीदानसिंह राजपूत *

लोकसभा के आम चुनाव घोषित होने के बाद कामचलाऊ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी क्या है जिनकी संपत्ति झोला फकीरी बयान है। हमारा क्या है? हम तो फकीर हैं झोला डंडा उठा कर चल देंगे। जो भूल गये या जानबूझकर भुलाना चाहते हैं तो उनको याद कराना जनता को चेताना एक फर्ज बनता है।

नरेन्द्र मोदी इस समय केवल काम चलाऊ प्रधानमंत्री पद पर हैं और कोई बड़ा निर्णय नहीं कर सकते। उनके हाथ में कुछ नहीं है। अभी कोई भी निर्णय कर नहीं सकते और कोई मामूली काम भी आदर्श आचार संहिता में आता है तो निर्वाचन आयोग से अनुमति लेकर ही कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बार बार कहते हैं यह मोदी की गारंटी है। मोदीजी के निजी खाते में रकम हो सकती है। लेकिन उनके फकीरी बयान में तो झोला डंडा का बयान है। मोदी जी इस बयान को भूल गये होंगे जैसे अनेक बड़े बयान भूल गये। मोदी फकीर है और अभी केवल कामचलाऊ प्रधानमंत्री है। उनके पास कुछ भी नहीं फिर यह कैसी गारंटी है? जनता ऐसी गारंटी पर विश्वास क्यों करे जो आगे जाकर बहुत बड़ा झूठ बन सकती है।

👍 पन्द्रह लाख हर नागरिक के खाते में होने के बयान की बात यहां नहीं करता। प्रधानमंत्री बचने के लिए झूठा बन जाए और अपने ही बयान को जुमला कहदे तो उस झूठ की चर्चा करना समय बरबाद करना है।

👌 प्रधानमंत्री के एक अन्य बयान की सच्चाई पर खोजबीन करते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि विदेशों में जमा काला धन वापस लाऊंगा और कालेधन जमाखोरों को दंडित किया जाएगा। इस बयान की गहराई तक खोजा जाए तो सब रहस्यमय लगता है। 

* काला धन लाया नहीं गया या मोदी लाना ही नहीं चाहते? आश्चर्य इसलिए होता है कि स्विस बैंकों में काला धन बढ गया और खाते भी बढ गये। ये कैसे संभव हुआ?क्या सरकार नींद में थी? इसमें कोई गड़बड़ी हुई जिसे मोदी सरकार देखती रही और इसके दोषी बड़े साहूकारों पर दोस्ताना संबंध होने के कारण कार्यवाही नहीं करना चाहती। विदेशों में काले धनवालों के खाते बढ जाएं धन बढ जाए और सरकार के मुखिया को मालुम न पड़े ऐसा संभव नहीं। कोई बड़ी गड़बड़ है जो देश से छिपाई जा रही है। प्रधानमंत्री को मालुम है तो यह भी मालुम है कि ये काले साहुकार कौन कौन हैं? 

👌 जो लोग करोडो़ं रुपये लेकर विदेश भाग गये उनको पकड़ कर भारत में लाया नहीं गया। जो कार्यवाही हुई वे ढीली हुई या ढीली की जाती रही। एक भी पकड़ कर नहीं लाया गया। 

👌👌 भारत सरकार की नजरों में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ही दोषी है जिसके मंत्री मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास कुछ भी मिला नहीं लेकिन उनको जेल में डाल रखा है।

👌 आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल मोदीजी की सरकार के आंखों में रड़कती रही है।क्योंकि ये भाजपा को  हराते रहे हैं। पहले दिल्ली और फिर पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बन गई। दिल्ली में मेयर फिर पंजाब में मेयर भी आम आदमी पार्टी का बन गया। दिल्ली में शराब नीति में ठेकेदारों को अनुचित लाभ देने का और उनसे रिश्वत लेने का आरोप है। जिसका आरोप है वह जुबानी है और उसके भाजपा से संपर्क हैं। होना तो यह चाहिए था कि  ईडी जांच करती पुख्ता होने पर मुकदमा कर गिरफ्तारी करती धन बरामद करती। यहां पहले गिरफ्तारी हुई है और धन का कहीं अतापता नहीं है। शराबनीति को उपराज्यपाल ने स्वीकृति दी। गुजरात में शराबनीति क्या है जहां रोजाना शराब तस्करी में करोडो़ं रूपयों का घोटाला होता है। दिल्ली की नीति तो गुजरात के आगे कुछ भी नहीं

👌प्रचार होता है कि ऐसा प्रधानमंत्री पहले नहीं आया जिसने विश्व में शक्तिशाली होने की धाक जमाई हो। बस,ऐसा शक्तिशाली प्रधानमंत्री विदेशों से कालाधन नहीं ला पाया और न वहां  कालाधन जमा करने वाले को पकड़ पाया। 


👌👌 अब फिर तीसरी बार सत्ता क्यों दी जाए? 400 से पार सीटें लेकर क्या करना चाहते हैं? ये चारसौपार पर जनता क्यों कह रही है कि संविधान में कोई बड़ा बदलाव करोगे और आरक्षण खत्म करोगे? हिंदू राष्ट्र घोषित करोगे?

👍 भाजपा का दावा 400 पार का है और अन्य पार्टियां व बयान कह रहे हैं कि 250 से 255 सीटें ही भाजपा को मिल पाएगी।

चार सौ पार में कुछ बड़ा रहस्य छिपा है और आगे जनता का क्या होने वाला है। संपत्ति कारोबार जनता के रहेंगे या नहीं। जनता को हर घोषणा पर गारंटी पर अविश्वास नजर आ रहा है।०0० 

23 अप्रैल 2024. 

करणीदानसिंह राजपूत,

 पत्रकारिता 60 वर्ष. 

सूरतगढ़ ( राजस्थान) 

94143 81356.

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