सोमवार, 22 अप्रैल 2024

मोदीराज;बुड्ढों का गंगा स्नान,अस्थियां विसर्जन मुश्किल:रेलकिराये की छूट शुरू नहीं.

 


* करणीदानसिंह राजपूत *

राम मंदिर में राम लला के दर्शन करने के लिए भाजपा की भारत सरकार के मंत्रियों नेताओं ने देश भर में आह्वान किया ताकि मंदिर निर्माण का राजनैतिक लाभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिल सके। लेकिन मोदी राज ने कोरोना काल मैं बंद की रेल किराये की छूट को पुनः शुरू नहीं करके बुड्ढे स्त्री पुरूषों के गंगा स्नान में मुश्किलें खड़ी कर रखी है। मृतक की अस्थियां गंगा में प्रवाहित करने के लिए परिवार के साथ वरिष्ठ नागरिक भी किराये में छूट के कारण साथ चले जाते थे। लेकिन छूट बंद होने से गरीब, कम आय वाले वरिष्ठ नागरिक बढे हुए किराये में अब गंगा स्नान करने को तरस तरस जाते हैं। 

* प्रधानमंत्री मोदी को रेलमंत्री को रेलवे बोर्ड अध्यक्ष को अनेक बार मांग कर याद दिलाते रहने के बावजूद किसी को भी गरीब वृद्धों की पुकार सुनाई नहीं दी। यह कड़वा सच्च है कि मोदी सरकार और भाजपा नेता केवल अमीरों की सुनते हैं। वृद्धों को रेल किराये में मामूली छूट नहीं लेकिन अमीरों को करोडो़ं रूपये कर्ज देने के लिए मोदी सरकार और सभी बैंकों के खजाने खुले हैं।

 👌 कोरोना काल में रेलों के संचालन के लिए किराये में छूट खत्म की गई और साधारण रेलों को एक्सप्रेस नाम देकर अधिक किराये में यात्रा के लिए हर नागरिक को मजबूर किया गया। अब कोरोना खत्म हो जाने के बाद भी छूट शुरू नहीं करना लूट है। अभी भी अनेक रेलें एक्सप्रेस रूप में ही चलाई जा रही है उनको साधारण घोषित नहीं किया गया। 

* बाड़मेर से हरिद्वार रिषिकेश एक्सप्रेस में तो मांग के बावजूद कोच नहीं बढाए जा रहे। पश्चिमी राजस्थान के लोगों को मजबूरी में खड़े खड़े यात्रा करनी पड़ती है। ऐसे ही अन्य तीर्थों में वृद्ध जा नहीं सकते। अयोध्या के लिए आह्वान तो कर दिया कि राम लल्ला के लिए आओ। सवाल यही है कि भारी भरकम किराये में श्रद्धालु वृद्ध कैसे पहुंचे। तीर्थ अनेक हैं लेकिन आस्था होते हुए भी गरीब मन मसोस कर रह जाते हैं। तीर्थों के अलावा अनेक गाड़ियां खाली होती है यदि वृद्धों को छूट दी जाती तो वे भरी हुई होती तो रेलवे को लाभ ही होता।

👌 लोगों की भावनाओं को जगाना आस्थाओं को जगाना लेकिन यात्रा के लिए तरसाना भाजपा का मोदी सरकार का पीड़ा दायी खेल चल रहा है।

👍 मोदीजी को 400 से पार होने के नारे को सफल बनाने के लिए गरीबों वृद्धों के वोट तो चाहिए लेकिन उनको किराये में छूट देना मंजूर नहीं। ऐसी हालत में कोई भी वोट क्यों देगा? बिना वोट के यह घोषणा सफल कैसे होगी? मोदीजी ने कहा था कि 2024 में मैं फिर आऊंगा,तो बिना वोटों के कैसे आएंगे? 

👍 वरिष्ठ नागरिकों को किराये में फिर से छूट शुरू करने की मांग केवल राजस्थान से ही नहीं हर राज्य से उठी और हर राज्य के वृद्वों को तरसाया जाता रहा। मोदीजी की सरकार भाजपा सरकार के प्रति लोगों में कोई उत्साह नहीं है। मोदीजी ने लोगों के मन में भाजपा को वोट देने के उत्साह को ठंडा कर दिया। बीस तीस सालों से भाजपा को समर्थन और वोट देने वालों को ठंडा करना भाजपा के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव में खतरनाक साबित हो सकता है। मोदीजी की आवाज जनता अब सुनने को उत्सुक नहीं है। मोदीजी की सभाओं में भीड़ भी नहीं होती। मोदीजी जहां बोले वहां की अनेक सीटें विधानसभा चुनाव में भाजपा हारी और अब लोकसभा चुनाव में लोगों का उत्साह विरोध में दिखाई दे तो परिणाम का अनुमान तो लग ही जाता है।जिन लोगों के पास पैसा है वे विरोध में टिप्पणी भी करेंगे लेकिन लोगों को वृद्वों को अपने मन से वोट देना चाहिए। जब हर व्यक्ति लाभ के लिए वोट करता है तो गरीब और वृद्ध अपने हित के लिए क्यों नहीं सोचें। जब सरकार सुनवाई नहीं करे तो वे अपने मन की करेंगे।मोदीजी के मन की आवाज अब कितनी असरदार रही है यह तो चुनाव परिणाम से पहले जनता अपने मन में तो जानती है। यही कारण है की मोदी नाम मोदी की गारंटी का खेल चल नहीं रहा।०0०

22 अप्रैल 2024.

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकारिता के 60 वर्ष,

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356

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