शनिवार, 6 अप्रैल 2024

400 का नारा बर्फ में न लग जाए! भ्रष्टाचारियों दुष्कर्मियों को शामिल करने से

 

* भाजपा के स्थापना दिवस पर विशेष *

* करणीदानसिंह राजपूत *

भाजपा में दुष्कर्मियों भ्रष्टाचारियों बैंकों का लाखों करोडो़ं कर्ज लेकर डकारने वालों हत्याकांड आरोपियों कालाबाजारियों को शामिल करके भाजपा नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेशों के अध्यक्ष आदि खुश हो रहे हैं। लेकिन देश की जनता को कोई खुशी नहीं हो रही। 

जनता को लूटने वालों से जनता पीड़ित थी और वे अत्याचारी दुराचारी भाजपा में घुसाए रहे हैं तब जनता उनसे बचने के लिए कौनसा कदम उठाए? कहां जाए? चुनाव में मतदान दिवस पर एवीएम पर कौनसा बटन दबाए? 

* मोदी शाह नड्डा जानते हुए भी यह कर रहे हैं। मोदी जी का नारा "अबकी बार 400 के पार" को सफल बनाने के लिए कुछ भी किया जाए! भाजपा के पटके धारण कराने से सभी पवित्र बन गये। भाजपा संस्कार वाली पार्टी और संस्कार वाले नेता सब भूल गये। 

** 400 पार के नारे के लिए सब कर लेंगे क्या? कांग्रेसियों पर आरोप लगाते रहे कि उसके राज्यों में महिलाओं पर लड़कियों पर अत्याचार हुए दुष्कर्म हुए। लेकिन अब बलात्कारियों दुष्कर्मियों को भाजपा में शामिल किया जा रहा है तो सवाल पैदा होते हैं। पार्टी में शामिल किए दुष्कर्मी के साथ पार्टी की महिला पदाधिकारी व सदस्य को साथ में बैठा सकते हैं? दुष्कर्मी के साथ अभियान में वोट मांगने में साथ भेज सकते हैं? अपने घर में दुष्कर्मी के साथ परिवार की महिलाओं को बैठा सकते हैं? ऐसे भ्रष्ट लोगों पर तो एक मिनट भी भरोसा नहीं किया जा सकता। 

* देश के बड़े नेताओं को मालुम है फिर भी यह खेल चलाया जा रहा है। लेकिन जो अपने आसपास देख रहे हैं उनको तो अपना मुंह खोलना चाहिए और विरोध प्रगट करना चाहिए। 

* महिला नेताओं को मोर्चा पदाधिकारियों को तो दिल्ली नेताओं पार्टी नेताओं को साफ साफ कहना चाहिए कि भ्रष्ट और दुष्कर्मियों के साथ किसी भी कार्यक्रम में भाग नहीं ले सकती। भ्रष्ट और दुष्कर्मियों को पार्टी में लेना बंद किया जाए और जो शामिल किए गये उनको निकाल बाहर किया जाए।

👍 दुष्कर्मियों भ्रष्टाचारियों बैंकों का लाखों करोडो़ं कर्ज लेकर डकारने वालों हत्याकांड आरोपियों कालाबाजारियों को भाजपा में मिलाने से 400 का नारा सफल नहीं हो सकता उल्टा पुराने कार्यकर्ता और आम लोग नाराज हो रहे हैं। ऐसा न हो जाए कि यह नारा बर्फ में लग जाए और कमल फूल की पंखुड़ियां ही बिखर जाएं या कुम्हला जाएं।०0०

6 अप्रैल 2024. 

करणीदानसिंह राजपूत,

*पत्रकारिता 60 वर्ष*

राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत पत्रकार,

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356.

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