* करणीदानसिंह राजपूत *
कालवा पालिका अधिकारियों कर्मचारियों भाजपा पार्षदों की अर्जेन्ट बैठक आयोजित कर युद्ध स्तर पर कार्य की योजना बनाए। अतिक्रमण नियमन,नामांतरण अन्य कार्य पर काम हो।कहा जा रहा था कि कालवा,ईओ,लेखापाल, इंजीनियर की टीम एकत्रित की गई है लेकिन अब ढील देखते टीमवर्क का अहसास नहीं हो रहा।
* सफाई बाजार अतिक्रमण नाले नालियां पर काम हो।सफाई कर्मचारी अभी भी बेगार पर हैं अन्य कार्य पर हैं। ईओ पर आरोप है कि उसने एक रिश्तेदार सफाईकर्मी आफिस में लगाई है। यहां कांग्रेस की कमजोरी है कि उसके पार्षद और संगठन पदाधिकारी नगरपालिका कामों के मामलों में खामोश हैं। गिनती के भाजपा पार्षद कामों के लिए बार बार कहते हुए कोठी में तिरस्कार स्थिति के कारण अब वहां जाना नहीं चाहते।भाजपा के लिए मरने वाले ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं कि वे पट्टों के लिए पालिका में काम नहीं करा पा रहे और अन्य सीधे कक्ष में घुसते हैं चैयरमेन से मिलते हैं और उनका काम हाथोंहाथ हो जाता है( अभी तो पट्टों की कुल फाईलों का ही मालुम नहीं। इधर उधर पड़ी है फाईलें जिनको ढूंढना पड़ रहा है।
👍 यदि एक दिन में औसत 20 फाईलें ही पूरी की जाती तो 300 फाईलें पूरी हो जाती।
👍👍 अतिक्रमण नियमन पट्टे बनाने निरीक्षण पर सरकार की ओर से नोडल अधिकारी यहां उपखंड अधिकारी लगाए हुए हैं जिनको तैयार पट्टे अपनी उपस्थिति में तुरंत वितरण करवाए। शिविर के चक्कर में न उलझे कि आचार संहिता लग जाए। अभी उपखंड अधिकारी सीता शर्मा हैं।
। यह सब आंखों के सामने होता है तो बुरा लगेगा ही।आखिर यह पार्षदों को महसूस क्यों हो रहा है कि बोर्ड के आखिरी महीनों में इस प्रकार की नीति भाजपा को लोकसभा चुनाव और उसके बाद नगरपालिका चुनाव में कहां पहुंचाएगी।
* कार्यालय कक्ष में बैठे हुए दिखना प्रमाण नहीं है बल्कि काम होना प्रमाणित हो। इसके लिए कालवा और कासनिया क्या कर रहे हैं?०0०
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