रविवार, 24 मार्च 2024

श्रीगंगानगर चुरू बीकानेर लोकसभा में भाजपा की जीत पर शंका: लोग नाराज

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से पहले और बाद में भाजपा नेतृत्व को यह मालुम हो गया कि बीकानेर संभाग में आम जनता नाराज है और मोदी के नाम से लोकसभा चुनाव 2024 में वोटों का बहुमत मिलना कठिन होगा। बीकानेर चुरू और श्रीगंगानगर लोकसभा सीटों पर भाजपा की जीत मुश्किल में रहेगी। 

* बीकानेर के हालात भाजपा नेताओं के बयानों सोशलमीडिया में छपती सामग्री से सच्चाई नहीं रख रहे। बड़े अखबार रार मोल नहीं लेना चाहते क्योंकि केंद्र और राजस्थान के फुल पेज लगातार छप रहे विज्ञापन बंद हो जाएं। करोडो़ं रूपये हर रोज की हानि बचाने के लिए जनता की नाराजगी को छिपाने में हैं। ऐसी स्थिति में बीकानेर की गलियों मोहल्लों गांवों में घूमने पर जनता के बीच में सच्चाई मिलती है और बखान करती है कि लोग अर्जुन राम मेघवाल से खुश नहीं। हालांकि यहां बदलाव की मांग होते हुए भी कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को 2024 के लिए फिर से प्रत्याशी घोषित कर दिया है।

ऐतिहासिक रियासत का मुख्यालय बीकानेर नेताओं का नगर भयानक गंदगी और अव्यवस्था से पीड़ित हैं। मोदी का स्वच्छता मिशन यहां दम तोड़ गया। भाजपा के नेताओं के पास कोई जवाब नहीं। कानून मंत्री के पास भी जवाब नहीं। अब वे साईकिल सवार तो रहे नहीं जो सड़कों पर नजरें पड़े और लोगों की सुने। लोगों की नाराजगी का परिणाम क्या होगा? नाराज नेताओं से ऊपरी तौर पर समझौते भी हो गये लेकिन जनता के दिलों में कुछ और है।

चुरू भाजपा का गढ माना जाता था लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में इस इलाके के लोगों ने हालात बदल दिए। राजेंद्र सिंह राठौड़ को धूलधुसरित कर दिया जिसे मिट्टी में मिलाना कह सकते हैं। लोकसभा सीट पर भाजपा ने राहुल कस्वां को फिर से टिकट नहीं दी। भाजपा ने देवेंद्र झाझरिया को टिकट दी है लेकिन यह नया चेहरा राजनीति में पापुलर नहीं। उधर राहुल कस्वां ने कांग्रेस से टिकट ले ली। भाजपा का यह गढ इसबार संकट में है।

श्रीगंगानगर लोकसभा सीट इसबार जीत से बहुत दूर मानी जा रही है। विधानसभा सभा 2023 के चुनाव में लोकसभा में आने वाली विधानसभा सीटों पर भाजपा की शर्मनाक स्थिति रही है। 

* सांसद निहाल चंद मेघवाल का रिपोर्ट कार्ड शून्य सा रहा है। विधानसभाओं में जनता बोलने लगी है कि निहालचंद मेघवाल ने काम नहीं किए बल्कि  जनता के बीच बैठने जनता को सुनने तक के लिए समय नहीं था। आपातकाल लोकतंत्र सेनानियों के लिए भी समय नहीं था और झूठे वादे थे। श्रीगंगानगर लोकसभा सीट पर निहालचंद मेघवाल को टिकट नहीं देने की मांग है। बदलाव की मांग है। यहां नया चेहरा आएगा लेकिन वह बुरी तरह से बिगड़े हालात को बदल पाएगा पर शंकाएं हैं। कांग्रेस कमजोर नहीं है और कमजोर बताना और समझना बिल्ली को देख कबूतर का आंखें मीचना जैसा होगा कि खतरा नहीं है। ०0०

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