सोमवार, 8 जनवरी 2024

रूपीन्द्र जीते:सुरेंद्रपाल'राज्यमंत्री' बैसाखी से दौड़े मगर गिर गए: बीकानेर संभाग की समीक्षा करे.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

राज्यमंत्री का पद और सरकार का साथ होते हुए सुरेंद्रपालसिंह की हार बड़े ऊंचे पहाड़ जैसी सोने के फ्रेम में मंढी है। रूपीन्द्रसिंह कुन्नर की जीत छोटी राई सी जनता के बनाए खुरदुरे कागज पर लिखी साधारण सी है। मगर श्रीकरणपुर की यह हार पांच साल तक भाजपा के रड़कती रहेगी।

* प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को यह सूचना जरूर दी गई होगी। कैसे किन शब्दों से बताया होगा कि सरकार की हार हो गई।दिल्ली से मंगवाई बैसाखी भी दौड़ा नहीं पाई। कोई अक्लमंद होता तो कह देता कि बैसाखी से तेज दौड़ा नहीं जाएगा और बीच में गिर पड़े तो जगहंसाई होगी। कम से कम सुरेंद्रपालसिंह तो चुनाव लड़ने के अच्छे अनुभवी थे लेकिन दिल्ली से आई बैसाखी से उनको यह लगा की जीत पक्की होगी। लेकिन दौड़ नहीं पाए गिर पड़े। जनता ने राई को साथ दिया और राज्यमंत्री नाम के पहाड़ पर उगा दिया। पांच साल तक यह राई की फसल पहाड़ की छाती पर रड़कती रहेगी।

👍  यह गोल्डन हार अकेले सुरेंद्रपालसिंह टीटी की नहीं है। उन सभी लोगों राजनेताओं मंत्रियों की है जिन्होंने रोड शौ किए मोदी गारंटी के भाषण दिए और भाजपा की जीत बताते रहे। मीडिया के बड़े पत्रकारों की है जो सरकार के साथ जाने की बात कहते रहे ताकि कोई आगे क्रोस कवश्चन ही नहीं हो। सच्च बताने से कतराते रहे कि टीटी को सच्च बताकर बुरे क्यों बनें। सरकार को भी सच्च बताकर छाप कर नजरों में क्यों आएं। वैसे तो यह व्यवहार उचित भी है कि बता देते तो क्या टीटी मान लेते? न टीटी मानते न भाजपा के नेता मानते। 

👍 सट्टे के भाव टीटी की पक्की जीत बताते रहे। सट्टा अवैध गैरकानूनी होता है लेकिन फिर भी उसको अधिक सच्चा सटीक मान लेते हैं।( हम नहीं मानते सटे को) श्रीकरणपुर चुनाव में साबित हो गया कि सट्टा झूठ भी होता है। इस झूठ में कितने फंसे होंगे?

👍 राजस्थान में भाजपा की सरकार तो बनी है मगर श्रीगंगानगर हनुमानगढ़ जिलों में चुनाव में जो जीत हार हुई है उससे आगे भी हालात अच्छे रहने वाले नहीं है। भाजपा के नेता जो जनता के साथ नहीं थे,उनको जनता ने मोदी गारंटी और मोदी जी के चुनाव सभा के भाषण के बाद भी हरा दिया।

👍 टीटी जनता के साथ पांच साल कहीं दिखाई नहीं दिए और परिणाम सामने है। 

👍भाजपा मुगालते में रहेगी तो श्रीगंगानगर की लोकसभा सीट भी खतरे में रहेगी।अगर निहालचंद को उम्मीदवार बनाया तो पक्का प्रमाण मिलेगा। जनता से दूर होते बहुत दूर हो चुके हैं निहालचंद। श्रीगंगानगर से सूरतगढ़ के बीच साधारण यात्री गाडियां चलाने,लूप लाईन को अमृतसर व दूरी की गाड़ियों से जोड़ने की मांगे रही हैं। रायसिंहनगर से अनूपगढ़ नयी रेल लाईन डालने की मांग भी रही है लेकिन निहालचंद लगातार सांसद रहते हुए भी ये काम नहीं करवाए। उनकी रूचि भी नहीं देखी गई। 

श्रीगंगानगर संसदीय क्षेत्र में भाजपा कितनी विधानसभा सीटों पर जीती? सांसद निहालचंद की भी हारी सीटों पर जिम्मेदारी होगी।

* बीकानेर संभाग में मूल ओबीसी को विधानसभा चुनाव में कितनी सीटों पर टिकट दिए? श्रीकरणपुर और पहले किनके हाथों में बागडोर रही तथा कितनी सीटों पर मूल ओबीसी लोगों को दूरी पर रखा गया? बीकानेर संभाग की श्रीगंगानगर,चुरू और बीकानेर संसदीय सीटों के हालात की समीक्षा की जाए। केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की भी समीक्षा जरूरी है।

8 जनवरी 2024.

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करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकारिता 60 वर्ष,

सूरतगढ़ ( राजस्थान)

94143 81356.

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