"इमरजेंसी" फिल्म भी मोदीजी के मन को लोकतांत्रिक पक्ष का नहीं बना पाएगी!
* करणीदानसिंह राजपूत *
इमरजेंसी फिल्म कांग्रेस के विरुद्ध तूफान लाएगी मगर मोदी सरकार फिर भी आपातकाल में लोकतंत्र बचाने के लिए जेलों में जाने वाले, अत्याचार सहने वाले,बहुत कुछ कुर्बान करने वालों को अपराध मुक्त करके लोकतंत्र सेनानी घोषित नहीं करेगी। देश में लोकतंत्र बचाने वालों को सम्मानित करना पेंशन देना तो बहुत दूर की बात है कि मोदी जी की सरकार ने तो हजारों पत्रों ज्ञापनों और राज्यसभा में सांसदों द्वारा दिए भाषाओं पर भी कभी जिम्मेदारी वाली घोषणा नहीं की। कभी कभी कुछ अज्ञानी लोग या जानकर भी तिरस्कार भरे शब्दों में कहते हैं कि क्या आपातकाल में जेलों में पेंशन के लिए गए थे? अंग्रेजी सरकार के विरुद्ध लोगों ने आंदोलन किया जेलों में गए थे। वे पेंशन के लिए नहीं गए थे लेकिन देश को स्वतंत्रता मिलने पर कांग्रेस सरकार ने ऊनको स्वतंत्रता सेनानी घोषित किया और पेंशन व अनेक सुविधाएं दी जो अभी भी उनको या उनके परिजनों को मिल रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंधित सम्मान निधि के विरुद्ध बोल देते हैं लेकिन जब जहां राज्य सरकारों ने सम्मान राशि दी तब ले भी ली। संघ पहले कहता था कि राजनीति में भाग नहीं लेगा लेकिन अब कुछ सालों से विधायक सांसद मंत्री और अनेक पद हैं जहां बैठ रहे हैं और हर लाभ ले रहे हैं। अब तो इन पदों पर लिया ही उनको जा रहा है जो संघ में सेवक रहे हों। राज्योंं के मुख्यमंत्री हो चाहे देश के प्रधानमंत्री स्वयं हों। केवल आपातकाल के जेल बंदियों आंदोलन कारियों,सत्याग्रहियों से ही तिरस्कार पूर्ण व्यवहार भारत सरकार यानि हमारी सरकार मोदी सरकार कर रही है। यहां पर एक तिरस्कार का उल्लेख करना उचित रहेगा। कुछ कहतें हैं कि मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद मांगने लगे,पहले कोई मांग क्यों नहीं की? क्या मोदी सरकार से कोई मांग करली है तो गुनाह कर लिया है क्या? मोदी जी से मांग नहीं सकते क्या? देश के प्रधानमंत्री मोदी से मांग रहे हैं,राज के कोष से मांग रहे हैं,मोदी जी से नहीं मांग रहे। सन् 2008 में यह मांग व्यापक रूप से उठ चुकी थी। मोदीजी की सरकार यानि भारत सरकार से यह मांग इसलिए की जा रही है कि आपातकाल भारत सरकार ने लगाया था इसलिए भारत सरकार ही असाधारण राजपत्र प्रकाशित करे जिसमें आपातकाल जेलबंदियों को आंदोलनकारियों को अपराध मुक्त करते हुए देशभक्त घोषित करे। इसके अलावा सम्मान और सम्मान राशि और सुविधाएं संपूर्ण राज्यों में एक समान हो जाएंगी तथा संपूर्ण देश में सभी पर लागू होंगी। सभी चाहते हैं कि मोदी जी की सरकार इस पर निर्णय ले। देश के गृहमंत्री अमित शाह और राज में हिस्सेदार देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा जी अपना मुख खोलें बोलें और मोदीजी जी को सलाह दें। लोकतंत्र सेनानी 70 से ऊपर 90-95 साल की उम्र में अनेक पीड़ाएं भोगते संसार छोड़ते जा रहे हैंं। अनेक संसार छोडध चुके सेनानियों की जीवन संगिनी वृद्धावस्था में कष्ट भोग रही हैं। क्या मोदी सरकार का कोई कर्तव्य नहीं बनता? सच्च में मोदी जी में करूंणा का अंश भी नहीं है?
* एक बार फिर आपातकाल पर बनी फिल्म
को बतलाते हैं,चर्चा करते हैं।
इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री काल में लगाए गये आपातकाल (26 जून 1975 से 21 मार्च 1977) की अत्याचारी घटनाओं पर बनी कंगना रानौत की फिल्म “एमर्जेंसी” अब वर्ष 2024 में दिखाई जाएगी।
यह फिल्म जब भी दर्शकों के आगे पेश होगी, निश्चित तौर पर तूफान लाएगी। चूंकि
मैं स्वयं उस अत्याचार के काल में में सवा चार महीने जेल में रहा। मेरे साप्ताहिक भारतजन पर सेंसर की मार हुई। विज्ञापन बंद हुए और अखबार को जब्त कर लिया गया था। घोषणा पत्र निरस्त कर दिया जो बहाल होने फर दुबारा शुरू कर पाया था। मेरे अनेक साथी जेलों में रहे।
मणिकर्णिका फिल्म द्वारा निर्मित इस फिल्म का निर्देशन और निर्माण कंगना रनौत के जरिए किया गया है। फिल्म की पटकथा रितेश शाह ने लिखी है। फिल्म में कंगना के अलावा सतीश कौशिक, मिलिंद सोमन, अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े और महिमा चौधरी जैसे सितारे खास रोल में हैं।
अभिनेत्री ने रिलीज की तारीख को टालने की जानकारी देते हुए लिखा, “मैंने 'इमरजेंसी' रिलीज की तारीख 24 नवंबर 2023 घोषित की थी, लेकिन मेरी अन्य फिल्मों के कारण इस फिल्म को 2024 में रिलीज करने का फैसला किया है। नई रिलीज तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी।”
कंगना रनौत ने उन दावों का खंडन किया कि उनकी आगामी फिल्म 'इमरजेंसी' का उद्देश्य कांग्रेस को खराब रोशनी में दिखाना अथवा भाजपा का पक्ष लेना है। यह फिल्म स्वर्गीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर आधारित है। वे कहती हैं : “इमरजेंसी हमारे इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक है, जिसे युवा भारत को जानना जरूरी है। यह एक महत्वपूर्ण कहानी है।
कुछ भी कहा जाए कि कांग्रेस को बदनाम करना उद्देश्य नहीं है लेकिन फिल्म के 2024 में प्रदर्शन शुरू होने के कुछ महीने बाद ही लोकसभा के आम चुनाव हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी सार्वजनिक रूप से घोषणा कर चुके हैं कि वे 2024 में फिर आएंगे। मतलब कि वे ही अपने को प्रधानमंत्री मान रहे हैं। बस इसलिए आपातकाल के लोकतंत्र सेनानी भी आवाज उठा रहे हैं कि हमारी सुनो!
15 दिसंबर 2023.
करणीदानसिंह राजपूत,
उम्र 78 वर्ष।
आपातकाल जेलबंदी पत्रकार,
( पत्रकारिता के 60 वर्ष)
सूरतगढ़ ( राजस्थान)
94143 81356.
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