शनिवार, 4 नवंबर 2023

पार्टी के बड़े नेताओं ने कहा कुए में छलांग लगालो,लेकिन खुद नहीं लगाते.सोचो.

 



* करणीदानसिंह राजपूत *

भाजपा और कांंग्रेस (इंडियन नेशनल कांंग्रेस) पार्टी मतलब दिल्ली में रहने के कारण बड़े समझे जाने वाले कुछ नेता फैसला करें और छोटे नेताओं से कहें कि पार्टी के लिए कुए में कूद जाओ। पार्टी के ये नेता कभी भी कुए में नहीं कूदे। पार्टी के लिए कभी पद तक नहीं छोड़ा। प्रजातंंत्रीय तरीके से चुनाव कराना तक छोड़ दिया। पार्टी संविधान को छोड़ दिया और मनोनीत प्रणाली अपना ली। 

* वर्षों तक पार्टी के लिए दिनरात मेहनत करने लाखों रूपये खर्च करने वालों को फैसला सुनाया जाए। तुम कुए में छलांग लगालो हमने तो पार्टी में जिसे घुसाया है उसको टिकट देकर विधायक सांसद बनाने का फैसला कर लिया है। 

* आखिर इन बड़े नेताओं से कोई नहीं कहता कि   पार्टी आपके कारण भी कमजोर हुई सो आप भी कुए में छलांग हमारे साथ ही लगालो। आपके पद का कार्यकाल विस्तार क्यों हो रहा है? आप तो पद ही नहीं छोड़ना चाहते। 

पार्टी के नाम पर कुए में छलांग लगाने का फैसला कोई एक क्यों माने? यदि किसी क्षेत्र में काम नहीं हुआ तो उसके लिए एक दोषी क्यों? संगठन के सभी पदाधिकारियों को जिले के पदाधिकारियों को भी तो जिम्मेदार माना जाना चाहिए क्योंकि उनका निरीक्षण देखरेख भी तो रही। लेकिन कुए में कूद जाने का फैसला एक के लिए।

* दो चार नेताओं का यह फैसला क्यों माना जाए? उनके कहने पर कुए में क्यों कूदा जाए? असल में बड़े नेताओं को यह प्रश्न कब पूछा जाएगा और उनसे कब कहा जाएगा कि चलो कुए में मत कूदो लेकिन समय काल उम्र और लोगों के आगे बढने के लिए पद छोड़ो। सब के लिए नियम कानून कायदे पार्टियों में हैं लेकिन अध्यक्ष आदि के लिए नहीं। यदि प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री बन जाए तो उसके लिए भी नहीं। अगली बार मैं ही बनूंगा, मैं ही आऊंगा। प्रजातंंत्रीय प्रणाली के एकदम विपरीत। राजतंत्र से भी अधिक राजाओं की घोषणाओं को पीछे छोड़ देने की अहंकारी घोषणा। आप बने रहना चाहें और आगे भी बनने की घोषणा करें तो फिर पार्टी के नाम पर कोई भी अपने आपकी राजनीति की आत्महत्या क्यों करले?

4 नवंबर 2023.

* करणीदानसिंह राजपूत,

( पत्रकारिता 60 वर्ष)

पत्रकार ( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत)

सूरतगढ़ (राजस्थान)

94143 81356

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