घग्घर का दिखता विनाशरूप मगर बहाव क्षेत्र को उपजाऊ बनाता वरदान जैसा रूप
* करणीदानसिंह राजपूत *
💐 घग्घर (प्राचीन सरस्वती) विशाल क्षेत्र में फैलाव लिए बहती हुई पाकिस्तान सीमा तक पहुंचती है।
इसका रौद्ररूप विनाश भी दिखाता है। जहां से बहती है वहां शासन प्रशासन और लोग चिंताजनक रहते हैं। आपदा प्रबंधन रहता है। लेकिन संपूर्ण बहाव क्षेत्र का उपजाऊ पन बढता है। चावल के लिए विशेष रूप में वरदान।
घग्घर के विहंगम दृश्य को देखने के लिए लोग पहुंचते हैं। हालांकि प्रशासन चेतावनी देता है कि कोई दुर्घटना न हो जाए। देखने वाले बंधों पर लापरवाही कर लेते हैं।
घग्घर प्राचीन सरस्वती नदी ही है। इसके कुछ विहंगम दृश्यों के छाया चित्र 18 जुलाई 2023 को लिए जो यहां प्रस्तुत है।
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