* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ 5 मई 2023.
नगर पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा को स्वायत्त शासन विभाग द्वारा सीवरेज घोटाले मामले में दिए गए नोटिस पर राजस्थान उच्च न्यायालय से तात्कालिक कोई राहत नहीं मिली है। नोटिस का जवाब देना ही होगा।
उच्च न्यायालय में पालिकाध्यक्ष के वकील के द्वारा पैरवी में कहा गया कि राजनीतिक द्वेषता से कार्यवाही की जा रही है और जवाब के लिए समय नहीं दिया गया। नोटिस 24 अप्रैल को जारी हुआ और 30 अप्रैल को मिला, सात दिन का समय दिया जो पूरा हो गया।
उच्च न्यायालय ने कालवा के वकील को 30 अप्रैल से सात दिन मान लेने का कहते हुए
स्वायतशासन विभाग के वकील को भी निर्देशित किया।
राजनीतिक द्वेषता से कार्यवाही का कालवा के वकील का कहना था जो नहीं माना गया। कहा गया कि जिला कलेक्टर की जांच रिपोर्ट है जिसमें दोषी माना गया है। राजनीतिक द्वेषता का कथन नहीं चला।
इसके बाद जवाब के लिए पर्याप्त समय नहीं दिए जाने का कहा गया।
सीवरेज घोटाले के मामले में जिला कलेक्टर की ओर से भेजी गई रिपोर्ट पर स्वायत्त शासन निदेशालय ने ओमप्रकाश कालवा को जवाब तलबी नोटिस जारी किए उक्त नोटिस 24 अप्रैल को जारी हुआ जो नगरपालिका के माध्यम से 30 अप्रैल को ओमप्रकाश कालवा को सौंपा गया। ओमप्रकाश कालवा से 7 दिन में जवाब देने का लिखा हुआ था और जवाब ना देने की स्थिति में एकतरफा कार्यवाही करने की सूचना थी। ओमप्रकाश कालवा ने इस नोटिस का जवाब देने के बजाय राजस्थान उच्च न्यायालय में रिट दायर की जिसमें कहा गया कि राजनीतिक द्वेषता से उनके विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है। सीवरेज घोटाले की शिकायत करने वाले पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल को मालुम हुआ तो उन्होंने भी पक्ष बनने के लिए वकील उपस्थित कर दिया।
उच्च न्यायालय में 3 मई को जस्टिस माननीय पुष्पेंद्र सिंह भाटी की अदालत में सुनवाई हुई। ओम प्रकाश कालवा की ओर से वकील ने राजनीतिक द्वेषता बताते हुए पैरवी की उच्च न्यायालय में शिकायतकर्ता बनवारीलाल मेघवाल और स्वायत्त शासन निदेशालय के वकील भी मौजूद थे। न्यायालय ने माना कि 24 के बजाय 30 तारीख को नोटिस मिल गया उस दिन से 7 दिन मान लिया जाए। स्वास्थ्य शासन विभाग के एडवोकेट को कहा गया कि ओमप्रकाश कालवा के जवाब को लिया जाए। स्वायत्त शासन निदेशालय ओमप्रकाश कालवा के जवाब पर जो निष्कर्ष निकालता है वह 26 मई तक उच्च न्यायालय में पेश किया जाए। इस मामले में उच्च न्यायालय में 26 मई आगामी तारीख दी गई है।
उच्च न्यायालय ने शिकायत कर्ता नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष बनवारीलाल को भी इसमें एक पक्ष मान लिया है।
ओमप्रकाश कालवा ने उच्च न्यायालय में रिट में डीएलबी,रूडको और कलक्टर को ही प्रतिपक्ष माने थे कि उसके विरुद्ध राजनीतिक द्वेषता से कार्यवाही हो रही है।
* यह कहा गया कि कालवा के कार्यकाल से पहले यह सीवरेज मामला हो गया था। उस समय काजल छाबड़ा अध्यक्ष थी।
* ओमप्रकाश कालवा को आशंका थी कि नोटिस देकर बाद में उन्हें सस्पेंड किया जा सकता है। उच्च न्यायालय ने स्वायतशासन निदेशालय की चल रही कार्यवाही पर रोक नहीं लगाई।
* सीवरेज में 4 763 सेफ्टी टैंक व कुईयां तोड़कर उनका मल गंदगी 5 किलोमीटर दूर फेंकने और रेत से ढकने का फर्जी भुगतान 1 करोड़ 45 लाख संबंधित फर्म को भुगतान किया गया। यह कार्य हुआ ही नहीं था। काजल छाबड़ा के कार्यकाल में यह कागजात तैयार हुए और भुगतान कर दिया गया। लेकिन बाद में जमा राशि में भुगतान की गई रकम रोक ली गई। ओमप्रकाश कालवा के कार्यकाल में वह रोकी गयी रकम कं को भुगतान कर दी गई। यह सीवरेज घोटाला मामला सूरतगढ के राजनीति में नामों सहित हलचल मचाए हुए चर्चा बना हुआ है। ओमप्रकाश कालवा पहले कांग्रेस में थे और इस भुगतान के मुकदमे शिकायतों के बाद भाजपा में सदस्य बने। काजल छाबड़ा पहले से भाजपा में ही है। ०0०
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