सोमवार, 1 मई 2023

सूरतगढ की चुनावी राजनीति में पूजा छाबड़ा का नाम: पूजा ने जो कहा वह रिपोर्ट.अपडेट.

 



* करणीदानसिंह राजपूत *


पूजा छाबड़ा राजनीति और चुनाव लड़ने  के मुद्दे पर चुप है लेकिन सूरतगढ की राजनीति में उसके नाम से एक साल से हलचल मची है। आश्चर्य है कि उसकी चुप्पी के बावजूद सोशल मीडिया और स्थानीय अखबारों में उसके फोटो और समाचार लेख छप रहे हैं।

 लोग अनुमान लगा रहे हैं कि पूजा छाबड़ा चुनाव में उतरी तो उसके नाम पर सूरतगढ की सारी राजनीति ही बदल जाएगी। 

पूजा भारती छाबड़ा के नाम से ही नेताओं के चेहरों पर चिंताओं की लकीरें खिंचती है। विधानसभा चुनाव के 7 महीने हैं। नेताओं के लिए अपने आपको जनता के सामने तथा अपनी अपनी पार्टी के सामने प्रस्तुत करने के लिए केवल दो से तीन महीने का ही समय है। असल में इतना ही समय बचा है जिसमें सब कुछ करना है।

राजनीति करने वालों का अनुमान नेताओं की नींद उड़ा रहा है कि पूजा छाबड़ा के नाम पर भाजपा और कांग्रेस में बहुत उलट पुलट हो जाएगा। भाजपा और कांग्रेस के चुनावी टिकटार्थियों को आशंका है कि लोग पार्टियों की परवाह नहीं करेंगे और पूजा छाबड़ा के साथ खड़े हो जाएंगे। 

इस भय का बड़ा आधार है पूजा छाबड़ा का शराबबंदी नशामुक्ति अभियान जिसकी घर घर हर इलाके में पहुंच हो चुकी है। पूजा के इस अभियान की चहुंओर चर्चा हो रही है।

लोग नर नारी और युवा पूजा छाबड़ा के इस अभियान से जुड़ रहे हैं। इस जन जुड़ाव से पुराने नेताओं को और  चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे नये नेताओं व कार्यकर्ताओं को भय लग रहा है। 

पूजा छाबड़ा ने शराबबंदी नशामुक्ति अभियान की शुरुआत की तब उसकी और अभियान की हंसी उड़ाई गई। कहा जाता था कि ऐसे अभियान नहीं चलते। पूजा कुछ दिन हो हल्ला कर थक हार कर जयपुर वापस चली जाएगी। यह सोच और  विचार धूलधूसरित होते गए। पूजा छाबड़ा का अभियान जोर पकड़ता गया। 

*आज पुराने नेताओं के साथ जोर लगाने पर भी बीस पच्चीस आदमी नहीं जुड़ते वहीं पूजा छाबड़ा के साथ सैंकड़ों की संख्या तुरंत खड़ी हो जाती है। सूरतगढ स्थित उसके निवास पर सैंकड़ों नर नारी रोजाना पहुंच रहे हैं।

लोगों को पूजा छाबड़ा में भरोसा विश्वास और भविष्य दिखाई देता है। भाजपा व कांग्रेस के लोगों और सामान्य लोगों में पूजा का नाम और कार्य चर्चा में हैं।

पूजा छाबड़ा के नाम की राजनीति में हर स्थान पर चर्चा है और पूजा खुद चुनाव के नाम पर चुप है।

**  सूरतगढ जिला बनाओ अभियान में 17 अप्रैल 2023 को बीकानेर के संभागीय आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक से वार्ता कर लौट रहे थे तब मेरी पूजा छाबड़ा से राजनीति और चुनाव को लेकर बड़ी महत्वपूर्ण बातें हुईं। पूजा ने चुनाव के नाम पर मौन हु रखा।

* पूजा छाबड़ा ने कहा कि सूरतगढ से मेरे चुनाव लड़ने और किसी भी पार्टी की टिकट लाने की चर्चाएं की जा रही है। मेरे तक भी बातें पहुंच रही हैं। लोग कह रहे हैं कि यह टिकट ले आएगी तो हमारा क्या होगा? 

** पूजा छाबड़ा ने बताया कि शराबबंदी नशामुक्ति सामाजिक अभियान है जिसके लिए मेरे ससुर गुरूशरण छाबड़ा जी ने अपने प्राणोत्सर्ग कर दिए शहीद हो गए। हमारा घर एकमात्र वह स्थान है जहां कांग्रेस भाजपा सत्ता और गैरसत्ता के  नेताओं का आना होता रहा है और अब भी होता है। उन सभी का मान सम्मान होता है और वे अभियान में सहयोग भी करते हैं।

*** सूरतगढ क्षेत्र मेरे ससुर शहीद गुरूशरण छाबड़ा जी की कर्मभूमि रही है इसलिए मैंने इस क्षेत्र में कर्म करने को प्रमुखता दी है। मैं यहां रहूंगी और यहां से शराबबंदी नशामुक्ति अभियान चलाने के साथ सामाजिक कार्यों में भाग लूंगी। इसके लिए जनता को जगा रही हूं और हमारा कार्य सफल हो रहा है।

**** पूजा ने कहा सूरतगढ जिला बनाओ अभियान शुरू हुआ जो मुझे विकास के लिए और जनभावनाओं से जुड़ा हुआ लगा तो इसमें भी जुड़ गई और आमरण अनशन किया। यह अभियान बहुत बड़ा है। मुख्यमंत्री 19 जिले नये बनाने की घोषणा कर चुके हैं और हमारी मांग सूरतगढ को जिला बनाने के लिए सरकार को राजी करना है। हमारी आवाज तो जयपुर पहुंची हुई है। मुख्यमंत्री जी से वार्ता का निमंत्रण मिलेगा और आशा करते हैं मुख्यमंत्री जी अच्छा निर्णय करेंगे। सूरतगढ़ जिला बना तो यह जनता की बहुत बड़ी जीत होगी।

👍 सूरतगढ को जिला बनाने के अभियान पर बोल कर भी पूजा छाबड़ा ने राजनीति और चुनाव के नाम पर चुप्पी ही धारण किए रखी। 

👍 मैं हर महीने  राजनीति और चुनाव पर जानकारी लेने की कोशिश करता रहूंगा।दो तीन महीने में हो सकता है यह चुप्पी टूट जाए और हां और ना में से एक तो आएगा ही।

* फिलहाल महान अभियान सूरतगढ को जिला बनाओ को ही सफल बनाने में रहें क्योंकि यह बहुत बड़ा बदलाव लाएगा।

* अपडेट 1 मई 2023.









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