सूरतगढ जिला बनाओ. नेताओं की 16 को भीड़ परीक्षा.राजनीतिक ईज्जत दांव पर लगी है.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ जिला बनाओ अभियान समिति की ओर से नेताओं की सलाह और सुझावओं पर 16 मई को उप खण्ड कार्यालय पर विशाल आम सभा की घोषणा है। उक्त भीड़ परीक्षा को सफल बनाने को लेकर नेताओं की छवि दांव पर लगी है कि कौन कौन बड़े नेता इसमें उत्तीर्ण होंगे और कौन फिसड्डी साबित होंगे।
* विशाल जन सभा का मतलब लगभग 5 हजार तक की भीड़ तो जरूर हो। नेताओं की फौज है और इतनी भी भीड़ न जुटा सके तो विशाल जन कहना और थोथी घोषणा करना बेकार। नेताओं की नेतगिरी और ईज्जत दांव पर लगी है। समिति की बैठक में नेताओं ने संख्या भी लिखाई थी जो निश्चित होकर सोच समझ कर ही लिखाई थी।
सूरतगढ जिला बनाओ अभियान समिति में करीब 70 सदस्य और इसके अलावा त्वरित श
निर्णय करने वाली एक्शन कमेटी भी है।
समिति से जुड़े राजनैतिक नेताओं के कद को समझते हुए अंदाज लगाना चाहिए कि इनके पीछे एक आवाज से कितने लोग पहुंच जाने चाहिए। वैसे समझा यही जाता है कि जितनी भीड़ की घोषणा की जाती है उतनी तो चुनावी सभा में बड़े राष्ट्रीय नेताओं के लिए भी एकत्रित नहीं हो पाती। दो लाख कहते हैं तो साधन लगा कर भी सत्ता हो तो उसका उपयोग करके भी आधी भीड़ हो पाती है। मतलब झूठा प्रचार किया जाता है। क्योंकि इस कमी में दंड तो कोई होता नहीं।
सूरतगढ़ में 16 की आमसभा में नेताओं की घोषणा के अनुसार ढाई तीन हजार की भीड़ जुटेगी। दिग्गज प्रेस का अनुमान है कि हजार ग्यारह सौ ही होंगे। असलियत टैंट लगाने से उजागर हो जाएगी कि वह कितने लोगों की क्षमता का लगाया जाता है। नेताओं के कथन को समिति के संचालक प्रबंधक मानेंगे उतनी क्षमता का टैंट।
* यदि भीड़ हजार ग्यारह सौ ही होगी तो सारे नेताओं की नेतगिरी पर मिशन 2023 का बहुत बड़ा प्रश्न लगेगा। कौन कितने अंक लेकर भी अनुत्तीर्ण रहा या सभी अनुत्तीर्ण रहे। अभी तक तो जितने आयोजन हुए हैं वे सभी पिटे हैं। एक भी सफलता पूरी नहीं कर पाया। बाजार बंद,मानकसर चौक जाम,नेशनल हाईवे जाम,उपखंड अधिकारी कार्यालय का घेराव आदि सभी असफल रहे। आमरण अनशन क्रमिक अनशन में बदल गया और क्रमिक अनशन में भी गड़बड़ी। अनेक दो चार घंटों में गायब। कोई रात को गायब। यह क्या व्यवस्था और किसकी जिम्मेदारी?
52 दिन बीत जाएं और सरकार तक आवाज ही नहीं पहुंचे। नये जिले बनाने के लिए श्री रामलुभाया की अध्यक्षता में समिति बनाई गई। उसकी रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री ने विचार कर 17 मार्च 2023 को 19 नये जिले घोषित किए। सूरतगढ का नाम नहीं था। आंदोलन शुरू हुआ।
पूजा छाबड़ा शराबबंदी नशामुक्ति अभियान की राष्ट्रीय अध्यक्ष 2 मई 2023 को श्री रामलुभाया जी से मिली तब उन्होंने कहा कि सूरतगढ की तरफ से तो कोई मांग ही नहीं हुई। उनके पासमें कोई मांगपत्र नहीं है। समिति के अध्यक्ष बता सकते हैं कि किस तारीख को पत्र और कागजात भेजे। ये महत्वपूर्ण कागजात पोस्टल रजिस्ट्रेशन से ही भेजे होंगे और उनकी प्राप्ति भी आई होगी? ये तथ्य सार्वजनिक होने चाहिए और प्रेस को भी बताए जाने चाहिए ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके। प्रेस को बताने के बाद श तुरंत ही जयपुर पहुंच कर श्री रामलुभाया जी से मिलकर लिखित बताना चाहिए और सभी प्रमाण भी रखने चाहिए। यह महत्वपूर्ण कार्य करना बहुत जरुरी है।
* पूजा छाबड़ा ने तो 1978 से रिकॉर्ड पेश किया। उन्होंने कहा कि सूरतगढ की जनता तो 1970 से सूरतगढ को जिला बनाने की मांग करती रही है।
* सूरतगढ जिला बनाओ समिति और त्वरित समिति की ओर से आयोजित आमसभा 16 मई को सफल बनाने में पूरा ध्यान देना चाहिए।
* सभा में बोलने का समय केवल 5 मिनट रखा जाए तो सभी को मौका मिल सकता है। पहले वाले 10-20 मिनट का भाषण थोपते हैं और अनेक का नाम तब बोला जाता है जब 50-100 सुनने वाले होते हैं। इस सभा में तो भाषण ही होंगे। योजना होती तो जयपुर मार्च में ही चले जाते।
* सूरतगढ जिला बनाने के लिए जो होना या करना चाहिए उसके लिए बड़े नेता और दो बड़ी पार्टियां भाजपा कांग्रेस और इनके नेता गंभीर नहीं है।०0०
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