शनिवार, 1 अप्रैल 2023

सूरतगढ:छात्रों युवाओं ने मोर्चा संभाला:टंकी निर्णय:नेता फेल.समिति में बदलाव जरूरी.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ 1 अप्रैल 2023.

सूरतगढ़ जिला बनाओ मांग को लेकर छात्रों और युवाओं ने क्रांतिकारी कदम उठाते हुए पानी की टंकी पर चढ़ गए। सूरतगढ जिला बनाओ नारे लगाते हुए सरकार को चेतावनी दी।

पानी की टंकी पर चढने वाले क्रांतिकारियों में 

रामू छिंपा, कमल रेगर,शक्ति सिंह भाटी,अशोक कड़वासरा,अजय सहारण, सुमित चौधरी और राकेश बिश्नोई हैं। 

इन सातों युवाओं ने घोषणा की है कि वे शहीद-ए-आजम भगत सिंह के मार्ग पर चलते हुए सूरतगढ़ को जिला बनाने के लिए अपनी कुर्बानी देंगे। उनकी कुर्बानी को याद रखा जाए। इसी मांग को लेकर वे 1 अप्रैल को शाम को हाउसिंग बोर्ड पुरानी कॉलोनी की पानी की टंकी पर चढ़ गए। यह एक्शन शुरू होने की सूचना बिजली करंट की तरह फैली।



लोगों को मीडिया को मालुम होते ही लोग टंकी के पास पहुंच गए। फोटो नेता भी पहुंचे जो कभी पांच छह आदमी नहीं लेकर आए। कुछ लोग उनकी फोटो लेने में लगे और वे फोटो खिंचवा भी रहे थे।

सूरतगढ जिला बनाओ समिति के सदस्य भी पहुंच गये। वहां भाषण शुरू हो गए।  रात को दस बजे भाषण हो रहे थे।

एकदम से बदले घटनाक्रम से नेतगिरी करने वाले हैरान हुए हैं जो चेहरे बता रहे थे।

* छात्र युवा ने मोर्चा संभाला वहीं नेता व्यापारी दुकान दार संचालन समिति सदस्य कमजोर रहे और आज सुबह दो घंटे चली बैठक में कोई निर्णय नहीं ले पाए। अध्यक्ष भी कमजोर रहे जो कोई कदम उठा नहीं पाए। अध्यक्ष और समिति में आंदोलन के लिए बदलाव जरूरी है और वे लोग पांच सात हो जो संघर्ष के लिए निर्णय करने की क्षमता रखें। अब तक के हर निर्णय कमजोर रहे जिन पर छात्र और युवा बार बार कहते रहे। आखिर आज सरकार को ताकत दिखाने का कदम उठाया गया। 



आमरण अनशन पर पूजा छाबड़ा के 12 वें दिन और  उमेश मुद्गल के 10 वें दिन नाजुक दशा में जब कोई नहीं बोला तब यह कदम उठाना सब को जगाने वाला रहा। टंकी के पास भाषाओं में सरकार को चुनौती दी जा रही है कि सूरतगढ को जिला घोषित करे।

नरेन्द्र घिंटाला से रात को मौके की स्थिति पूछी तब यह रहस्य उजागर हुआ कि टंकी पर चढने की योजना 31 को तैयारी में थी और आज जब जिला बनाओ समिति ने कोई निर्णय नहीं किया न कोई रणनीति बनाई तब छात्रों युवाओं ने गुप्त रखते हुए शाम को टंकी पर चढ सभी को चौंका दिया। सूरतगढ को जिला बनाओ अभियान में बड़े नेताओं का रवैया और एक पखवाड़े से चल रही कार्यक्रमों में उदासीनता ने उनको कमजोर साबित किया।

अब इस मांग में तूफानी तेजी आई है जो सूरतगढ को जिला बनाओ आंदोलन को शक्तिशाली बनाएगी और नेताओं दुकानदारों समिति को बड़ा निर्णय लेना होगा तथा समिति में भी अध्यक्ष सहित बदलाव करने होंगे। छात्रों युवाओं को आंदोलन में कूदने के बाद लोगों को हर मोर्चे पर तेजी लानी होगी वहीं शासन प्रशासन को सरकार को मुख्यमंत्री तक सकारात्मक निर्णय घोषित करना होगा।०0०




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