रविवार, 2 अप्रैल 2023

काम करो बुद्धि से जीवन जियो शुद्धि से:अब तो कर्म और जीवन में से खोट त्याग दें

 

* करणीदानसिंह राजपूत *


आपाधापी वाले आधुनिक कलयुग में व्यक्तितंत्र और सरकारीतंत्र  का  कर्म और जीवन चल रहा है ऐसे में हीराबेन का यह संदेश काम करो बुद्धि से और जीवन जियो सुधि से संपूर्ण बदलाव करने वाला संदेश है।

 हीराबेन ने यह संदेश मृत्यु से कुछ दिन पहले ही अपने पुत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। यह पवित्र संदेश नरेंद्र मोदी ने आमजन के सामने प्रस्तुत कर दिया।

हीराबेन का अपने पुत्र को दिया यह संदेश संपूर्ण भारत का संदेश बन गया है। सभी लोगों को विचार करना चाहिए कि हमारे कर्म और जीवन में क्या सत्य है या कुछ भी नहीं बचा है। कर्म में पवित्रता नहीं रही बल्कि खोट घुसा ली है। जीवन भी शुद्धता के बजाय कालिमायुक्त हो चुका है। जब कर्म और जीवन में खोट हो तो वहां अपना पराया समाज और राष्ट्र सभी से खोटा व्यवहार ही किया जाता है। ऐसा ही हो रहा है। हर तरफ भ्रष्टाचार व्याप्त है एवं फैलता जा रहा है और भ्रष्टाचार करने वाले समाजसेवा का ढोंग करते हुए भी हर स्थान पर उपस्थित रहते हैं। सभी यह देख भी रहे हैं।


कर्म में बुद्धि और जीवन में शुचिता का यह संदेश उन लोगों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है जो नरेंद्र मोदी का जयकारा लगाते हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी के आचरण का पालन नहीं करते हैं।


* प्रजातंत्र में राजनैतिक दल और निर्वाचन महत्वपूर्ण होते हैं। यही देश का संचालन और हर व्यवस्था करते हैं। इन पर ध्यान आवश्यक है।

कैसे हैं राजनैतिक दल और कैसे हो गए हैं उनके पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता?

सभी दल और उनके पदाधिकारी व कार्यकर्ता संस्कारवान और पवित्र होने का प्रचार करते हैं।  क्या उसमें कर्म और जीवन शुद्ध है? यह बहुत बड़ा प्रश्न है? 

 राजनैतिक दलों के अनेक पदाधिकारी और कार्यकर्ता साधन संपन्न हैं जिनके पास में पर्याप्त और पीढ़ियों तक की पूंजी है। उनके कर्म कैसे हैं? उनका जीवन कैसा है?वे देश के लिए और अपने लिए कैसा सोचते हैं तथा करते हैं।? दलों के प्रमुख कुछ भी कहें लेकिन जनता को उनके कर्म और जीवन में पवित्रता दिखाई नहीं देती। सच्च तो यह है कि पवित्रता होगी तभी तो दिखाई देगी।


हीराबेन ने यह संदेश मोदी जी  को दिया और मोदी जी ने यह जनता के बीच पहुंचा दिया। इस

संदेश के बाद हरेक को अपने भीतर झांक लेना चाहिए कि शुद्धता में कितने प्रतिशत मिलावट वाला जीवन अपनाए हुए हैं? 

*  स्वयं अपनी शुद्धता का कितना ही प्रचार करें लेकिन अन्य लोगों को तो मालूम होता है कि कितना खोटा जीवन जी रहे हैं और कितने खोटे कर्म है।!

👍 हीराबेन के इस संदेश के बाद सभी दलों के कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों में चाहे वे किसी गांव में ढाणी में हो चाहे देश की राजधानी दिल्ली में ऊंचे से ऊंचे पद पर बैठे हों, सभी को चिंतन कर लेना चाहिए।

👌 हीराबेन का यह संदेश आज राष्ट्र का संदेश बन गया है और इसका पालन देश को और अधिक ऊंचाइयों पर पहुंचाएगा।०0०

30 दिसंबर 2022.

करणीदानसिंह राजपूत,

स्वतंत्र पत्रकार,

( सन् 1966 से पत्रकारिता)

* राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत*

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356

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अपडेट 2-4-2023.



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